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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू रविवार को नई दिल्ली पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ एयरपोर्ट पर गले लगाकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.भारत और इजरायल के बीच 25 वर्षों के कूटनीतिक संबंधों को नया आयाम देने के लिए नेतन्याहू 19 जनवरी तक भारत में रहेंगे.
पीएम मोदी ने इजरायल के प्रधानमंत्री के लिए डिनर का आयोजन किया. इजरायली पीएम के दिल्ली, अहमदाबाद और मुंबई में मुख्य कार्यक्रम हैं. इसके साथ ही भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र पर भारत की ओर से आयोजित प्रमुख सम्मेलन 'रायसिना वार्ता' में भी शिरकत करेंगे.
इजरायली पीएम नेतन्याहू के साथ पीएम मोदी तीन मूर्ति चौराहा पहुंचे. अब इसका नाम बदलकर तीन मूर्ति हाइफा किया गया है.
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू नई दिल्ली पहुंचने के बाद लिखा, 'हार्दिक स्वागत के लिए बहुत शुक्रिया मेरे अच्छे दोस्त.'
इजरायल का मानना है कि भारत के साथ उसका संबंध संयुक्त राष्ट्र में एक वोट से कहीं ज्यादा मजबूत है. 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एरियल शेरॉन की यात्रा के बाद भारत का दौरा करने वाले वह इजरायल के पहले प्रधानमंत्री होंगे.
नेतन्याहू का यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने के फैसले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र महासभा में नई दिल्ली की ओर से वोट करने के एक महीने से भी कम समय के भीतर हो रहा है. हालांकि, भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कारमॉन ने मीडिया से बातचीत में इस विषय पर किसी भी तरह की अटकलबाजी पर विराम लगा दिया.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव बी. बाला भास्कर ने कहा कि 15 जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेतन्याहू द्विपक्षीय वार्ता के लिए बैठेंगे तो 'कई मसलों पर बातचीत की जाएगी'.
भास्कर ने बताया कि दोतरफा सहयोग के दायरे को बढ़ाकर इसमें कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है. उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र से शुरुआत करने के बाद अब हमारे सहयोग का दायरा बड़ा हो गया है, जिसमें प्रमुख रूप से टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, रिसर्च और डेवलपमेंट. साइंस, स्पेस सहयोगआदि शामिल हैं. इसे टेक्नोलॉजिकल कोलैबोरेश एंड इनोवेशन का नाम दिया गया है."
नेतन्याहू के साथ मोशे हॉल्ट्जबर्ग भी भारत आएंगे, जिनके माता-पिता रबी गेवरिल और रीव्का हॉल्ड्जबर्ग 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में मारे गए थे. मोशे उस समय सिर्फ दो साल के थे.
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(इनपुटः IANS से)
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