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पिछले दिनों हिंदुस्तान की ओर से चांद पर चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) के सफल मिशन के बाद अब जापान ने भी इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है. जापान का चंद्रमा-लैंडर मिशन SLIM आखिरकार 7 सितंबर 2023 की सुबह रवाना हो गया. SLIM अंतरिक्ष यान के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग के बाद जापान ऐसा करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन जाएगा.
चांद की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर SLIM, चंद्रमा के लिए एक लंबा रास्ता तय कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक इसको पहुंचने में करीब चार से छह महीने लगने वाले हैं. इसके सफल होने पर, SLIM चंद्रमा पर उतरने वाला सबसे छोटा और हल्का अंतरिक्ष यान होगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सफल लॉन्चिंग पर जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) को शुभकामनाएं दी हैं.
ISRO ने कहा कि SLIM लैंडर की सफल लॉन्चिंग पर JAXA (Japan Aerospace Exploration Agency) को बधाई. वैश्विक अंतरिक्ष समुदाय द्वारा एक और सफल चंद्र प्रयास के लिए शुभकामनाएं.
H-IIA रॉकेट जो SLIM को अंतरिक्ष में ले गया, वह एक एक्स-रे इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी मिशन (XRISM) भी ले गया, जो ऐस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेशन के लिए एक सैटेलाइट था. लॉन्च के 14 मिनट बाद XRISM रॉकेट से अलग हो गया और अपनी टार्गेटेड ऑर्बिट में तैनात हो गया. XRISM आकाशगंगाओं के जरिए बहने वाली गर्म गैस प्लाज्मा हवा का हाई-रिजॉल्यूशन एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपिक स्टडी करेगा और यह आकाशीय पिंडों के द्रव्यमान-ऊर्जा प्रवाह, संरचना और विकास को निर्धारित करने पर केंद्रित होगा.
यह जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा किया जा रहा पहला चंद्रमा-लैंडिंग प्रयास है. इस साल मई में एक प्राईवेट जापानी कंपनी द्वारा किया गया पिछला प्रयास फेल हो गया था.
SLIM एक बहुत छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसका वजन लगभग 200 किलोग्राम है. इसकी तुलना में, चंद्रयान-3 लैंडर मॉड्यूल का वजन लगभग 1,750 किलोग्राम था. SLIM का मुख्य उद्देश्य चुनी गई साइट के 100 मीटर के अंदर सटीक लैंडिंग करना है. मिशन को एक ऐसे मिशन के रूप में पेश किया जा रहा है, जो प्रदर्शित करेगा कि चंद्रमा पर "जहां हम चाहते हैं वहां उतरना संभव है, न कि केवल वहां जहां उतरना आसान है."
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