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रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला का नाम शैरी बलूच था, और वो बलूचिस्तान के तुर्बत में नियाजर अबाद की रहने वाली थी. 30 साल की शैरी बलूच की शादी एक डॉक्टर से हुई थी.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हमले की जिम्मेदारी लेने वाली बलोचिस्तान लिब्रेशन आर्मी (BLA) ने बयान जारी कर बताया कि आत्मघाती हमलावर साइंस की टीचर थी और एमफिल की पढ़ाई कर रही थी.
महिला ने दो साल पहले BLA की के मजीद ब्रिगेड की विशेष आत्म-बलिदान दस्ते में शामिल हुई थी. BLA ने कहा कि उसे अपने दो छोटे बच्चों की वजह से टीम से बाहर होने का विकल्प दिया गया था, लेकिन उसने इनकार कर दिया.
इन दो सालों के दौरान, शैरी ने मजीद ब्रिगेड की अलग-अलग यूनिट्स में अपनी सेवाएं दीं. छह महीने पहले उसने कंफर्म किया कि वो आत्म-बलिदान के हमले को अंजाम देने के अपने फैसले पर कायम है. उसके बाद, वह सक्रिय रूप से मिशन में शामिल हो गई.
BLA ने कहा, "चीन के आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक विस्तारवाद के प्रतीक Confucius इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और अधिकारियों को निशाना बनाना चीन को स्पष्ट संदेश देना था कि बलूचिस्तान में उसकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष उपस्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी."
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