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चुनाव जीतने के बाद कमला हैरिस बोल रही थीं तो टीवी चैनलों के परदे पर एक तस्वीर बार-बार तैर रही थी. ये तस्वीर थी उनक भाषण सुन लोगों के झरते आंसुओं की.जाहिर है उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अमेरिकियों के दिलों तक पहुंचती हैं. मन से मिले इस मैंडेट के कारण बाइडेन प्रशासन में कमला का अच्छा रसूख रहने की उम्मीद है. लेकिन बात सिर्फ इतनी नहीं है जिसके कारण कमला की बाइडेन प्रेसिडिंसी में बड़ी भूमिका रहेगी.
कमला ने जो भाषण उस दिया उससे सुनकर अमेरिकियों के आंसू निकल आए. खासकर महिलाओं और अश्वेता ने खास खुशी देखी गई. चूंकि बाइडेन की जीत में इन वर्गों की अहम भूमिका है तो हम मान कर चल सकते हैं कि कमला का इस प्रशासन में अच्छा दबदबा रहेगा. वैसे भी कमला हैरिस अमेरिका में ‘फीमेल ओबामा’ के नाम से जानी जाती हैं . सुसान राइस, कैरेन बास जैसे दिग्गजों को पछाड़कर डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनीं कमला हैरिस पहली महिला, पहली अश्वेत महिला और पहली भारती मूल की अमेरिकी राष्ट्रपति होंगी.
कमला के बारे में बाइडेन की क्या राय है, इसका अंदाजा कैंपेन के दौरन कमला के बारे बाइडेन की बातों से लगा सकते हैं. बाइडेन ने ट्विटर पर लिखा था-
प्रेसीडेंट का नामांकन स्वीकार करने के दौरान बाइडेन ने अपनी रनिंग मेट कमला हैरिस की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कमला को अमेरिका की सशक्त आवाज बताया था और कहा था कि उनकी कहानी अमेरिका की कहानी है. अपने एक भाषण के दौरान बाइडेन ने कहा था कि यह अगले राष्ट्रपति का काम होगा कि वह अमेरिकियों से किए गए वादे को पूरा करे. मैं इस काम को अकेले नहीं करने जा रहा हूं. मेरे पास एक महान उप-राष्ट्रपति हैं.
हैरिस की विविध पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए बाइडेन ने कहा था कि उनके पिता जमैका के रहने वाले हैं जबकि मां भारतीय थीं. उनकी कहानी अमेरिका की कहानी है. वह रास्ते में आने वाली बाधाओं पर विजय प्राप्त करना जानती हैं. बाइडेन ने अपने चुनाव प्रचार से जुड़े एक मेल में कहा था कि मुझे किसी ऐसे शख्स का साथ चाहिए जो स्मार्ट हो, कड़ी मेहनत करे और नेतृत्व के लिए तैयार रहे. कमला वो शख़्सियत हैं.
अमेरिकी जर्नलिस्ट्स कहते हैं कि अटॉर्नी जनरल बनने के बाद कमला हैरिस ने अपने काम के दम पर तेजी से डेमोक्रेटिक पार्टी के उच्च पदस्थ लोगों के बीच अपना दबदबा बनाया था. जब 2016 में कमला हैरिस ने कैलिफोर्निया से सीनेटर के लिए अपना नाम आगे बढ़ाया तो उन्हें किसी बड़े विरोध का सामना नहीं करना पड़ा. यहां तक कि इस चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का कोई सदस्य खड़ा नहीं हुआ था. इस चुनाव में उन्होंने अपनी ही पार्टी की कद्दावर नेता और 20 साल से अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव की सदस्य रहीं लोरट्टा संचेज़ को करारी शिकस्त दी थी.
निर्णायक रहेगी कमला की भूमिका
अमेरिकी संविधान ने वाइस प्रेसीडेंट के लिए दो भूमिकाएं तय की हैं पहली यह की वह अमेरिकी सीनेट का प्रमुख होता है और वोटिंग में टाई की स्थिति होने पर उसका वोट टाई-ब्रेकर होता है. और दूसरी यह कि जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति पद का पहला उत्तराधिकारी वाइस प्रेसीडेंट होता है. इस बार के इलेक्शन में प्रेसीडेंट जो बाइडेन के साथ कमला हैरिस वाइस प्रेसीडेंट रहेंगी. ऐसे में कमला नीतिगत मामलों में बड़ी भूमिका निभाएंगी.
उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के सबसे उच्च स्तरीय सलाहकार होते हैं. वाइस प्रेसीडेंट द्वारा ऐसे कार्य किये जाते हैं जो सरकार में उच्च स्तर पर किए जाने होते हैं.
वाइस प्रेसीडेंट हर दिन राष्ट्रपति से मिल सकते हैं, उनके मेमो देख सकते हैं, ब्रीफिंग में शामिल हो सकते हैं और कई बार प्रेसीडेंट को सलाह भी दे सकते हैं.
उप-राष्ट्रपति को अमेरिका में रनिंग मेट इसीलिये कहा जाता है, क्योंकि सरकार में उन्हें कदम से कदम मिलाकर चलना होता है.
राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल के दौरान बाइडेन को इराक से अमेरिकी सेना हटाने की जिम्मेदारी दी गई थी.
डिबेट के दौरान इन मुद्दों पर हैरिस ने बोला-
वाइस प्रेसीडेंशियल डिबेट के दौरान विपक्षी उम्मीदवार पेंस ने जब आरोप लगाया था कि बाइडेन और हैरिस टैक्स में इजाफा करना चाहते हैं और अर्थव्यवस्था को ग्रीन न्यू डील के तहत दबा देना चाहते हैं. तब हैरिस ने भरोसा दिलाया था कि राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बाइडेन सत्ता में आने पर कर नहीं बढ़ाएंगे. ग्रीन न्यू डील अमेरिका का एक प्रस्तावित पैकेज है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और आर्थिक असमानता की समस्या से निपटना है. दोबारा जलवायु परिवर्तन समझौते से जुड़ेंगे
-कमला हैरिस ने यह भी कहा कि बाइडेन प्रशासन जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते में शामिल होगा, जबकि ट्रंप प्रशासन विज्ञान में भरोसा ही नहीं करता.
-कमला हैरिस ने कहा कि ट्रंप सरकार ने न्यायालय में जीवन भर कार्य कर सकने वाले 50 लोगों की नियुक्ति की, लेकिन इसमें एक भी अश्वेत नहीं था. हैरिस ने अश्वेतों के साथ भेदभाव को लेकर पुलिस व्यवस्था एवं आपराधिक न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया.
कुछ दिनों पहले ही पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया था कि हैरिस खुद राष्ट्रपति बनना चाहती हैं. ट्रंप ने कहा था कि अगर 77 वर्षीय बाइडेन चुनाव जीतते हैं,
तो हैरिस कुछ महीनों में ही राष्ट्रपति का पद हासिल कर लेंगी. ट्रंप की बातों को जाने भी दें तो बाइडेन खुद इस बात का इशारा कर चुके हैं कि वह एक कार्यकाल के लिए ही राष्ट्रपति रहेंगे. ऐसे में कमला 2024 के लिए राष्ट्रपति उम्मीदवार हो सकती हैं, इन सब स्थिति को देखते यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अमेरिका में विभिन्न मुद्दों पर कमला हैरिस की राय बहुत अहम और महत्वपूर्ण रहेगी.
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