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इजरायल एरिया के हिसाब से काफी छोटा देश है. साधारण शब्दों में समझें तो हमारे देश के एक छोटे से राज्य मिजोरम के बराबर. इजराइल दुनिया का एकमात्र यहूदी देश है. इस धर्म को मानने वालों की दुनियाभर में कुल 1.4 करोड़ की आबादी है. इसमें सें लगभग 84 लाख यहूदी अकेले इजरायल के निवासी हैं.
साल 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजरायल का ऐतिहासिक दौरा किया. 2017 में ही दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों के 25 साल पूरे हुए. चारों तरफ से गैर-मित्र अरब देशों से घिरा इजरायल डिफेंस टेक्नॉलजी के मामले में अव्वल देशों में शामिल है. कई मामलों में तो इजरायल ने रूस और चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. डिफेंस और पानी की टेक्नॉलजी में इजरायल दुनिया के अग्रणी देशों में एक है.
फिलहाल, इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भारत दौरे पर हैं. ऐसे में इजरायल और यहूदी धर्म को लेकर तमाम चर्चाएं हो रहीं हैं. आइए जानते हैं कि कम आबादी वाले यहूदी धर्म के लोगों ने किन-किन क्षेत्रों में अपना परचम लहराया है.
इनोवेशन की बात करें तो फायरवॉल, वॉइसमेल, यूएसबी फ्लैश ड्राइव और डिजिटल प्रिंटिंग जैसी टेक्नॉलजी भी इनकी ही देन है
सीमा की तरह साइबर खतरे से भी निपटना उतना ही जरूरी है. यहूदियों की साइबर सिक्योरिटी को अभेद्य माना जाता है. अगर भारत को बातचीत इंटरसेप्ट करने का सॉफ्टवेयर मिल जाए तो इसकी मदद से इंटरनेट प्लेटफार्म में होने वाली किसी भी हरकत या बातचीत सुरक्षा एजेंसियों की नजर में आ सकती है.
भारत चाहे तो यहूदियों से बहुत कुछ सीख सकता है.
भारत भी इजरायल के साथ दोस्ती को लेकर उत्साहित है. लेकिन अगर मोदी उनकी आधुनिक डिफेंस और पानी से जुड़ी टेक्नोलॉजी हमारे देश में लेकर आते हैं तो देश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी.
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