Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गांधी की मूर्ति घाना यूनिवर्सिटी ने हटाई, क्या भारत करेगा विरोध?

गांधी की मूर्ति घाना यूनिवर्सिटी ने हटाई, क्या भारत करेगा विरोध?

महात्मा गांधी के खिलाफ ‘Gandhi Must Fall’ आंदोलन चल रहा है 

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
महात्मा गांधी की यह मूर्ति अब यहां से हटा ली गई है
i
महात्मा गांधी की यह मूर्ति अब यहां से हटा ली गई है
फोटो : रॉयटर्स 

advertisement

नस्लवाद के आरोप में महात्मा गांधी की मूर्ति घाना यूनिवर्सिटी से हटा दी गई है. घाना में चल रहे ‘Gandhi Must Fall’ आंदोलन के तहत उनकी मूर्ति यूनिवर्सिटी से हटाई गई है. 2016 से प्रोफेसरों और बौद्धिकों की ओर से चलाए जा रहे इस आंदोलन में गांधी को नस्लवाद को बढ़ावा देने के आरोप में कटघरे में खड़ा किया जा रहा है.

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

यूनिवर्सिटी कैंपस से चलने वाले रेडियो यूनिवर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोफेसरों ने गांधी पर नस्लवाद अपनाने का आरोप लगाया है. इसके बाद महात्मा गांधी की मूर्ति यूनिवर्सिटी से हटा ली गई. हालांकि यह पता नहीं चल सका है कि मूर्ति कब हटाई गई.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

दो साल से चल रहा है गांधी के खिलाफ आंदोलन

दो साल प्रोफेसरों और छात्रों ने गांधी की मूर्ति के खिलाफ आंदोलन शुरू किया था. सितंबर 2016 में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने गांधी के खिलाफ एक पिटीशन जारी किया था. इसमें उन पर जाति व्यवस्था को सपोर्ट करने का आरोप लगाया गया था.

याचिका में गांधी के लिखे हुए कुछ उद्धरणों को पेश किया गया था, जिसमें कथित तौर पर वह यह कह रहे हैं भारतीय काले अफ्रीकियों से इतने सर्वश्रेष्ठ हैं कि उसकी कल्पना नहीं की जा सकती. इस आंदोलन के एक महीने बाद यूनिवर्सिटी ने गांधी की मूर्ति हटाने का फैसला कर लिया. इस मूर्ति का अनावरण भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने जुलाई 2016 में किया था.

2013 में भी हुआ था विवाद

मूर्ति हटाने वाले श्रमिकों ने कहा कि उन्हें मूर्ति हटाने का आदेश ऊपर से मिला था. वह यह नहीं बता सकते कि मूर्ति क्यों हटाई जा रही है. “Gandhi Must Fall” मूवमेंट का नेतृत्व अकोसुआ एडोमके एमपोफो कर रहे हैं. वह इंस्टीट्यूट ऑफ अफ्रीकन स्टडीज के पूर्व डायरेक्टर हैं. ब्रिटिश अखबार गार्जियन के मुताबिक गांधी को लेकर 2013 में भी गांधी को लेकर जोहांसबर्ग में ऐसा ही विवाद हुआ था. जब विरोध प्रदर्शन करने वालों ने उन पर अश्वेतों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने आरोप लगाया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 13 Dec 2018,01:31 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT