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नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई छह साल बाद अपने मुल्क पाकिस्तान लौटी हैं. मलाला तालिबानी आतंकियों के हमले का शिकार होने के बाद पहली बार पाकिस्तान पहुंची हैं. साल 2012 में पाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा के लिए अभियान चलाने को लेकर तालिबानी आतंकियो ने मलाला पर हमला किया था और उन्हें सिर पर गोली मार दी थी. हालांकि, लंबे इलाज के बाद उन्हें बचा लिया गया था. इस घटना के बाद से मलाला पाकिस्तान छोड़कर इंग्लैंड में रह रहीं थीं.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, मलाला गुरुवार की सुबह दुबई के रास्ते अपने देश पहुंची. बताया जा रहा है कि मलाला की पाकिस्तान यात्रा को सुरक्षा के लिहाज से गुप्त रखा गया है. मलाला युसुफजई को कड़ी सुरक्षा के बीच अपने माता-पिता के साथ इस्लामाबाद के बेनजीर भुट्टो अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे निकलते देखा गया. यह जानकारी स्थानीय मीडिया ने, फोटोग्राफ्स के आधार पर दी है.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, मलाला चार दिन की पाकिस्तान यात्रा पर हैं. इस दौरान वह पाकिस्तानी पीएम शाहिद खाकन अब्बासी से भी मुलाकात कर सकती हैं.
जानकारी के मुताबिक, मलाला अपने परिवार और मलाला फंड के सीईओ के साथ 'मीट द मलाला' कार्यक्रम में भी शामिल होंगी.
लड़कियों की शिक्षा के अधिकार के लिए आगे आईं मलाला को तालिबानी ने अपनी हिट लिस्ट में रखा था. साल 2012 में जब मलाला महज 15 साल की थीं जब तालिबान के एक आतंकी ने उनके सिर में गोली मार दी थी.
जिस वक्त ये घटना हुई, उस वक्त मलाला स्कूल से वापस अपने घर जा रहीं थीं. इस हमले के तुरंत बाद उन्हें इलाज के लिए बर्मिंघम ले जाया गया और तब से वह अपने पूरे परिवार के साथ बर्मिंघम में ही रह रही हैं.
मलाला युसूफजई को साल 2014 में भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था. उस वक्त मलाला की उम्र महज 17 साल थी और वो नोबेल शांति पुरस्कार पाने वालों की सूची में सबसे कम उम्र की विजेता हैं.
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