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मालदीव राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आ गए हैं. विपक्ष के उम्मीदवार इब्राहिम मोहम्मद सोलिह चुनाव जीत गए हैं. सोलिह को मिली जीत चौंका देने वाली है, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान वहां मौजूद पर्यवेक्षकों का आरोप था कि सत्ताधारी राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपनी जीत पक्की करने के लिए गड़बड़ियां की हैं. अब अब्दुल्ला यामीन ने भी अपनी हार स्वीकार कर ली है.
इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को भारत समर्थक माना जाता है. वहीं निर्वतमान राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन चीन, पाकिस्तान के करीबी बताए जाते हैं. मालदीव की राजनीति में इस साल काफी उथल-पुथल रही, वहां की सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच टकराव भी हुए, जिसके बाद अब्दुल्ला यामीन ने आपातकाल की घोषणा कर दी थी. उस वक्त अब्दुल्ला यामीन ने चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब को 'मित्र राष्ट्र' बताया था.
साथ ही इन देशों में अपने एंबेसडर भी भेजे थे. 'मित्र राष्ट्र' की इस लिस्ट में भारत का नाम नहीं था. ऐसे में इस चुनाव पर भारत, चीन, पाकिस्तान की निगाहें बनी हुई थी. अब मोहम्मद सोलिह की जीत के बाद भारत ने उन्हें बधाई दी है.
मालदीव के चुनाव आयोग ने सोमवार को नतीजे घोषित किए, जिसके मुताबिक, सोलिह को 58.3 फीसदी वोट मिले हैं. सोलिह की जीत का ऐलान होने के साथ ही सड़कें विपक्ष के समर्थकों से भर गईं. सभी अपने हाथों में सोलिह की मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के पीले झंडे लिये नाच रहे थे.
चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद यामीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है. सोलिह को विपक्ष का समर्थन प्राप्त था. रविवार को हुए चुनाव में और कोई उम्मीदवार नहीं था क्योंकि ज्यादातर लोगों को सरकार ने जेल में डाल दिया था या निर्वासित कर दिया था. इससे पहले, देर रात सोलिह ने बढ़त मिलने के बाद यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने और हार स्वीकार करने को कहा था.
सोलिह ने टीवी पर प्रसारित अपने भाषण में कहा था, ‘‘मैंने यामीन को फोन करके जनमत का सम्मान करने की बात कही.'' उन्होंने यामीन से सभी राजनीतिक कैदियों को तुरंत रिहा करने को कहा.
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