अफगानिस्तान में फंसे UP के कई लोग, PM से मांगी मदद

अफगानिस्तान में फंसे भारतीय लोग, सरकार से लगाई बचाव की गुहार

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<div class="paragraphs"><p>अफगानिस्तान में धीरे-धीरे बढ़ रहा तालिबान का कब्जा</p></div>
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अफगानिस्तान में धीरे-धीरे बढ़ रहा तालिबान का कब्जा

(फोटो: Accessed by Quint)

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अफगानिस्तान (Afghanistan) मे तालिबान (Taliban) ने कब्जा कर रखा. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल भी अब तालिबान का नियंत्रण हैं. जहां कई भारतीय फंस गए हैं. जिनमें से कई लोगों ने भारत सरकार से सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है. उत्तर प्रदेश के कई लोग भी अफगानिस्ता में फंसे हैं, जो रोजगार की तलाश में अफगानिस्तान गए थे. उन्होंने भी भारत सरकार से सुरक्षित घरों तक पहुंचाने की गुहार लगाई है.

बुलंदशहर के गांव गंगागढ के मुकेश बघेल अफगानिस्तान में रहते हैं. उनका परिवार इस समय काफी सहमा हुआ है. 3-4 दिन से अफगानिस्तान की बिगड़ती हालात के कारण वहां की राजधानी काबुल में फंसे मुकेश ने वीडियो भेजकर प्रधानमंत्री मोदी से सुरक्षित भारत वापस लाने की गुहार लगाई है.
भारत सरकार ने अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया गया कि काबुल में दूतावास के कर्मियों को तुरंत भारत ले जाया जाएगा. यह काम दो चरणों में पूरा किया गया है और मंगलवार को राजदूत और अन्य सभी भारत स्थित कर्मी नई दिल्ली पहुंच गए हैं.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "हम अफगानिस्तान में वहां की बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों के लिए समय-समय पर यात्रा और सुरक्षा सलाह जारी कर रहे हैं. पहले से ही अफगानिस्तान में रहने वालों से तुरंत लौटने का आग्रह किया गया था, जबकि अन्य को वहां यात्रा नहीं करने की सलाह दी गई थी"

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मंत्रालय ने आगे कहा, "फिर भी हम समझते हैं कि उस देश में कई भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें से कुछ तीसरे देश के संगठनों द्वारा नियोजित हैं. हमारी तत्काल प्राथमिकता अफगानिस्तान में वर्तमान में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना है. उन्हें या उनके नियोक्ताओं से अनुरोध है कि विदेश मंत्रालय के विशेष अफगानिस्तान सेल के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करें.

विदेश मंत्रालय ने कहा, "अफगान नागरिकों के संबंध में, हमारी वीजा सेवाएं एक ई-आपातकालीन वीजा सुविधा के माध्यम से जारी रहेंगी, जिसे अफगान नागरिकों के लिए विस्तारित किया गया है. हम पहले ही अफगान सिख और हिंदू समुदाय के नेताओं से अनुरोध प्राप्त हो चुके हैं और हम उनके संपर्क में हैं.

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