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कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट को न हटाने की वजह से कंपनी के कई कर्मचारियों ने खुलेआम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सीईओ मार्क जकरबर्ग की आलोचना की थी. अब जकरबर्ग ने कंपनी के लोगों के साथ एक नोट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि वो फेसबुक की पॉलिसी की समीक्षा करने जा रहे हैं. साथ ही जकरबर्ग ने ब्लैक कम्युनिटी से कहा है कि वो उनके साथ हैं.
इस नोट में मार्क जकरबर्ग ने माना कि ट्रंप के पोस्ट को न हटाने के फैसले से कंपनी के कई लोग गुस्सा हो गए थे. जकरबर्ग ने कहा, "हम अभी भी सभी को आवाज देने के साथ खड़े हैं, जबकि हो सकता है हम उससे इत्तेफाक न रखते हों. लेकिन मैं वोटर इंगेजमेंट और नस्लीय अन्याय के लिए भी लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं."
मार्क जकरबर्ग ने बताया कि फेसबुक राज्य के ताकत का इस्तेमाल करने पर डिस्कशन और इसके खतरे को लेकर अपनी पॉलिसी की समीक्षा करेगा. साथ ही वोटर पर दबाव और उल्लंघन करने वाले कंटेंट की हैंडलिंग को लेकर भी पॉलिसी को देखा जाएगा. फेसबुक ये भी देखेगा कि फैसला लेने की प्रक्रिया किस तरह और ज्यादा पारदर्शी बनाई जा सकती है.
मार्क जकरबर्ग ने कहा, "मैं जानता हूं कि आप में से कई लोग चाहते थे कि हमें राष्ट्रपति के पोस्ट को लेबल करना चाहिए था. हमने इस पर बातचीत शुरू कर दी है. वैसे मुझे लगता है कि इस तरीके से हम अपने कंटेंट के एडिटोरियलाइज के खतरे में हो सकते हैं. इस पर काफी सावधानी से सोचने की जरूरत है."
फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने अपने नोट के आखिर में ब्लैक कम्युनिटी के लिए लिखा कि वो उनके साथ खड़े हैं. जकरबर्ग ने लिखा, "यॉर लाइव्स मैटर. ब्लैक लाइव्स मैटर."
जकरबर्ग ने कहा कि अमेरिका और पूरी दुनिया में नस्लीय अन्याय को खत्म करने का सफर अभी लंबा है और हमारे पास इसे बदलने के मौके हैं. जकरबर्ग ने कहा कि हमारे प्लेटफॉर्म इसमें एक सकारात्मक भूमिका निभाएंगे.
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