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अर्जेंटीना, उरुग्वे और पैराग्वे में रविवार को भारी पैमाने पर बिजली कटौती होने से 4.4 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए. इन पड़ोसी देशों में आपस में जुड़ी पावर ग्रिड में अज्ञात गड़बड़ी की वजह से बिजली गुल हुई. अधिकारी बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए भरसक कोशिशें कर रहे हैं, हालांकि अब ज्यादातर हिस्सों में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गई है.
अर्जेंटीना में गवर्नर के लिए हो रहे चुनावों में मतदाताओं ने फोन की रोशनी में मतदान किया. सार्वजनिक यातायात ठप हो गया, दुकानें बंद हो गईं और घर में मेडिकल उपकरणों पर निर्भर मरीजों से जनरेटर वाले अस्पतालों में जाने की अपील की गई.
आधी रात तक, 44 मिलियन लोगों की आबादी वाला अर्जेंटीना का लगभग आधा हिस्सा बिना बिजली के था.
अर्जेंटीना के ऊर्जा सचिव गुस्तावो लोपेटेगुई ने रविवार दोपहर ब्यूनस आयर्स में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "यह एक असाधारण घटना है जो कभी नहीं होनी चाहिए थी. यह बहुत गंभीर है. हम इस हालत में देश को छोड़ नहीं सकते" अर्जेंटीना के बिजली वितरक एडेसर ने कहा कि पावर फेल्यर की शुरुआत अर्जेंटीना के उत्तरपूर्वी हिस्से में यैसरेटा और साल्टो ग्रांडे पावर स्टेशनों के बीच एक विद्युत ट्रांसमिशन पॉइंट से हुई थी.
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अर्जेंटीना की सरकार इस ब्लैकआउट के संभावित कारणों में से फिलहाल किसी भी कारण से इनकार नहीं कर रही है. इनमें साइबर हमला भी शामिल है. हालांकि लोपेटेगुई ने कहा कि यह शुरूआती संभावित कारणों में से नहीं है.
अर्जेंटीना के सबसे बड़े पावर-ट्रांसमिशन ऑपरेटर, ट्रांसेनर के प्रमुख कार्लोस गार्सिया परेरा ने कहा कि एक दिन हुई भारी बारिश के दौरान सिस्टम में गड़बड़ी का कारण हो सकती है.
फिलहाल ये तय करने के लिए एक जांच चल रही है कि इस गड़बड़ी के लिए कौन जिम्मेदार है.
(इनपुट: PTI और अल जजीरा)
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