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ब्रिटिश-अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन ने शुक्रवार, 5 फरवरी को भारत के किसान आंदोलन को लेकर सिंगर रिहाना की टिप्पणी का समर्थन किया. हसन ने अपने शो में कहा, "रिहाना सही हैं, हमें इस बारे में बात करनी चाहिए."
एनबीसी के पीकॉक स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर 'द मेहदी हसन शो' के दौरान हसन ने कहा कि कैसे मामला “किसानों के प्रदर्शन से आगे चला गया है'' और “हाल के सालों में भारत सरकार के अधिनायकवाद की तरफ बढ़ने में तेजी आई है.''
मुख्य रूप से अमेरिकी दर्शकों से बात करते हुए, हसन ने भारत में मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक माहौल की तुलना अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शासन के माहौल से की.
उन्होंने कहा, ‘’भारत में जो हो रहा है और अमेरिका में ट्रंप के शासनकाल में हमने जिसका अनुभव किया, उसके बीच एक साझा डीएनए है.’’
भारत में बड़ी संख्या में किसान कृषक (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार अधिनियम 2020, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु संशोधन अधिनियम 2020 का विरोध कर रहे हैं.
हालांकि किसान संगठनों को आशंका है कि इन कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और मंडी व्यवस्था खतरे में आ जाएगी और किसानों को बड़े औद्योगिक घरानों पर निर्भर छोड़ दिया जाएगा. मगर सरकार ने कहा है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था बनी रहेगी.
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