Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019"अपील के लिए 60 दिन" पूर्व नौसैनिकों के मामले में विदेश मंत्रालय का अगला कदम क्या?

"अपील के लिए 60 दिन" पूर्व नौसैनिकों के मामले में विदेश मंत्रालय का अगला कदम क्या?

Foreign Ministry: कुछ दिनों पहले ही कतर की अपीलीय अदालत ने नौसैनिकों की मौत की सजा को कम करके अलग-अलग 3 साल से 25 साल तक की जेल की सजा में तब्दील कर दी थी.

क्विंट हिंदी
दुनिया
Published:
<div class="paragraphs"><p>विदेश मंत्रालय: कतर जेल में बंद 8 पूर्व नौसैनिकों के पास अपील करने के लिए मिले 60 दिन </p></div>
i

विदेश मंत्रालय: कतर जेल में बंद 8 पूर्व नौसैनिकों के पास अपील करने के लिए मिले 60 दिन

(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने गुरुवार, 4 जनवरी को जानकारी दी कि कतर की जेल में बंद भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों (Indian Navy personnel) को कतर की सर्वोच्च अदालत "कोर्ट ऑफ कैसेशन" में अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है. कुछ दिनों पहले ही कतर की अपीलीय अदालत ने नौसैनिकों की मौत की सजा को कम कर दिया था. पूर्व नौसैनिक जवानों को अलग-अलग तीन साल से 25 साल की सजा दी गई है.

विदेश मंत्रालय ने क्या क्या जानकारी दी?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा...

"लीगल टीम को अब अदालत के आदेश की एक कॉपी मिल गई है, जो गोपनीय प्रकृति की है." “इसके अलावा, लीगल टीम को कोर्ट ऑफ कैसेशन में अपील दायर करने के लिए 60 दिन का समय मिला है, जो कतर की सर्वोच्च अदालत है. हमारी कानूनी टीम इस मुद्दे पर कार्रवाई की अगली रणनीति तय करने के लिए काम कर रही है और हम परिवारों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं."

यह पूछे जाने पर कि क्या 60 दिन की अवधि को अपीलीय अदालत के आदेश के दिन 28 दिसंबर से गिना जाएगा? इस प्रश्न के जवाब में जयसवाल ने कहा: "मैं मानूंगा कि यह 28 दिसंबर या उसके अगले दिन से शुरू होगा, लेकिन इन पहलुओं पर गौर करना वहां (कतर में) लीगल टीम का काम है."

यह रेखांकित करते हुए कि मामला कतरी अदालत में लंबित है, जायसवाल ने कहा कि वह विस्तृत जानकारी साझा नहीं करेंगे क्योंकि यह एक "संवेदनशील" और "कानूनी" मुद्दा है. उन्होंने कहा कि जहां सभी की मौत की सजा कम कर दी गई है, वहीं आठ लोगों को "अलग-अलग जेल की सजा" सुनाई गई है.

किसको कितने साल की सजा?

पिछले हफ्ते सात पूर्व नौसेना अधिकारियों और एक नाविक को मौत की सजा दी गई थी, उनमें से एक को 25 साल की कैद की सजा सुनाई गई है, चार को 15-15 साल की सजा दी गई है, दो को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है और एक को तीन साल की सजा सुनाई गई. एक नाविक को सबसे कम सजा दी गई, जबकि दहरा ग्लोबल के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत अधिकारी को सबसे कठोर सजा दी गई.

28 दिसंबर को, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि कतर में अपीलीय अदालत ने मौत की सजा को "कम" कर दिया है: "विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है. हम अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं. कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी आज परिवार के सदस्यों के साथ अपील अदालत में उपस्थित थे. हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम कतरी अधिकारियों के साथ भी इस मामले को उठाना जारी रखेंगे.''

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

क्या लगे थे आरोप?

आठ पूर्व नौसेना कर्मी - कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और नाविक रागेश - दोहा स्थित अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज, एक रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी के साथ काम कर रहे थे.

उन्हें अगस्त 2022 में हिरासत में लिया गया था. उनके खिलाफ आरोपों को कतरी अधिकारियों ने कभी भी सार्वजनिक नहीं किया गया. ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उन पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था.

पिछले साल अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी. भारत ने मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की और अब तक छह सुनवाई हो चुकी हैं-तीन अपील अदालत में और तीन निचली अदालत में की गई.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT