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कश्मीर पर बार-बार मध्यस्थता का ऑफर दे रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्रांस में मोदी से मुलाकात के बाद सीधे-सीधे ये तो नहीं कहा कि वो मध्यस्थता के लिए तैयार हैं, लेकिन इतना जरूर बताया कि उन्होंने कश्मीर पर पीएम मोदी से बात की है और उन्हें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान आपस में मिलकर कुछ बेहतर नतीजे निकालेंगे. हालांकि इस मौके पर पीएम मोदी ने एक बार फिर साफ कर दिया कि कश्मीर का मसला सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच का है.
प्रधानमंत्री मोदी और डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात फ्रांस में चल रहे G7 समिट के दौरान हुई. इसके बाद दोनों नेताओं ने एक प्रेंस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया.
कश्मीर पर भारत का आधिकारिक स्टैंड ये है कि ये मसला सिर्फ और सिर्फ भारत और पाकिस्तान के बीच का है. इतना ही नहीं - देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में ये भी कहा कि अब अगर पाकिस्तान से कोई बातचीत होगी तो सिर्फ पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी. लेकिन G7 समिट के दौरान जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया तो पीएम मोदी ने कहा पाकिस्तान से अपना हर मसला सुलझा सकते हैं. आखिर1947 से पहले भारत-पाकिस्तान एक ही थे. इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप से जब कश्मीर पर मध्यस्थता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा-
यहां पर पीएम मोदी ने एक बार फिर साफ किया कि कश्मीर का मसला भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है और हम इसे आपस में सुलझा लेंगे. मोदी ने आगे बताया कि -उनकी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को यही सलाह है कि कि दोनों देशों को गरीबी, बीमारी मिटाने और विकास के बारे में सोचना चाहिए.
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, "कश्मीर बेहद जटिल जगह है. यहां हिंदू हैं और मुसलमान भी और मैं नहीं कहूंगा कि उनके बीच काफी मेलजोल है." उन्होंने कहा, "मध्यस्थता के लिये जो भी बेहतर हो सकेगा, मैं वो करूंगा."
इससे पहले भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान अमेरिका के दौरे के समय डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच कश्मीर के मुद्दे पर भी चर्चा हुई थी. इसी बैठक के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच 'मध्यस्थ' बनने की पेशकश की थी.
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