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म्यांमार में सोमवार को सेना की तरफ से किए गए तख्तापलट पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वो इसे लेकर काफी चिंतित है. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ''हमने म्यांमार में हुए घटनाक्रमों को गहरी चिंता के साथ नोट किया है.''
इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने कहा है, ''हमारा मानना है कि कानून के शासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बरकरार रखना चाहिए. हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.''
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने एक बयान में कहा है, ''अमेरिका हाल के चुनावों के नतीजों को बदलने या म्यांमार के लोकतांत्रिक ट्रांजिशन को बाधित करने के किसी भी प्रयास का विरोध करता है, और अगर ये कदम वापस नहीं लिए गए तो हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.''
न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, म्यांमार की सेना ने सोमवार को स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची को हिरासत में लेकर तख्तापलट किया है. सेना ने ऐलान किया है कि उसने इमरजेंसी स्टेट के तहत देश का नियंत्रण एक साल के लिए अपने हाथ में ले लिया है.
सेना ने इसके अलावा राष्ट्रपति यू विन म्यिंट सहित कई नेताओं को हिरासत में ले लिया है. घोषणा के मुताबिक, सत्ता अब कमांडर-इन-चीफ ऑफ डिफेंस सर्विसेज मिन ऑंग लैंग के हाथों में होगी.
म्यांमार में आठ नवंबर को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी को 476 में से 396 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, जिसके बादा स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची को पांच और सालों के लिए सरकार बनाने का मौका मिल गया था. सेना के समर्थन वाली यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी को केवल 33 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. सेना कई बार सार्वजनिक रूप से चुनाव में धांधली के आरोप लगा चुकी है.
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