Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-20192022 के चीन ओलंपिक का बहिष्कार करें दुनियाभर के नेता: नैंसी पेलोसी

2022 के चीन ओलंपिक का बहिष्कार करें दुनियाभर के नेता: नैंसी पेलोसी

पेलोसी ने कहा- राष्ट्राध्यक्ष चीन जाकर चीनी सरकार का सम्मान न करें

क्विंट हिंदी
दुनिया
Updated:
(फोटो: IANS)
i
null
(फोटो: IANS)

advertisement

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने बीजिंग में 2022 विंटर ओलंपिक के डिप्लोमैटिक बहिष्कार का आह्वान किया है. उन्होंने यह आह्वान 'मानवाधिकारों के हनन के लिए' चीन की आलोचना करते हुए किया है और कहा है कि जो वैश्विक नेता इस ओलंपिक में शामिल होंगे वे अपनी नैतिकता खो देंगे. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इस बात की जानकारी दी है.

डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता पेलोसी ने इस मुद्दे पर द्विदलीय कांग्रेस की सुनवाई में कहा कि दुनियाभर के राष्ट्राध्यक्षों को फरवरी के लिए निर्धारित खेलों से दूर रहना चाहिए.

उन्होंने कहा, ''मैं जिस बात का प्रस्ताव रख रही हूं - और जिसे लेकर प्रस्ताव रखने वालों के साथ जुड़ रही हूं - वो एक डिप्लोमैटिक बहिष्कार है.''

इसके अलावा पेलोसी ने कहा,

  • ''राष्ट्राध्यक्ष चीन जाकर चीनी सरकार का सम्मान न करें.''
  • ''जारी नरसंहार के बीच, देशों के प्रमुखों के लिए चीन जाना - जब आप वहां अपनी सीट पर बैठे होगे - वास्तव में सवाल उठाएगा, दुनिया में कहीं भी मानवाधिकारों के बारे में फिर से बोलने के लिए आपके पास कौन सा नैतिक अधिकार होगा?''
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

एक इंडिपेंडेंट संयुक्त राष्ट्र पैनल के मुताबिक, 2018 में उसे विश्वसनीय रिपोर्ट मिली थी कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में कम से कम 10 लाख उइगर और अन्य मुसलमानों को शिविरों में रखा गया था. चीन पर आरोप लगते हैं कि इन शिविरों में वो मानवाधिकारों का हनन करता रहा है. हालांकि, बीजिंग इनको पेशेवर प्रशिक्षण केंद्र बताता है और वहां दुर्व्यवहार और नरसंहार के आरोपों को खारिज करता है.

इस बीच, चीनी दूतावास प्रवक्ता लियू पेंग्यु ने कहा है, ''कुछ अमेरिकी राजनेताओं को क्या लगता है कि उनके पास वास्तव में तथाकथित 'नैतिक अधिकार' है? मानवाधिकार के मुद्दों पर वे चीन के खिलाफ बेबुनियाद आलोचना करने की, ऐतिहासिक या मौजूदा, किसी भी स्थिति में नहीं हैं.''

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 19 May 2021,03:07 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT