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न्यूजीलैंड में फरवरी के बाद कोविड -19 का पहला मामला सामने आया है. इसके तुरंत बाद न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने देश में तीन दिनों का लॉकडाउन लगा दिया है.
जब मामला दर्ज किया गया तो न्यूजीलैंड डॉलर, 1 अमेरिकी सेंट से अधिक गिरकर 69.07 सेंट तक पहुंच गया. चूंकि निवेशकों ने जोखिम लेना कम कर दिया है और उनका मानना है कि केंद्रीय बैंक बुधवार को अपने नीतिगत फैसले पर ब्याज दरें बढ़ाएगा, इसलिए बॉन्ड यील्ड और स्वैप दरों में गिरावट आयी है.
उन गतिविधि और उसके डेल्टा होने की संभावना के कारण अधिकारियों ने तत्काल राष्ट्रव्यापी प्रतिक्रिया की सलाह दी. ऑकलैंड और कोरोमंडल में सात दिनों का लॉकडाउन लगा दिया गया है.
न्यूजीलैंड ने अब तक बड़े पैमाने पर वायरस को समुदाय से बाहर रखा हुआ है. जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को महामारी के दौरान जल्दी ठीक होने में मदद मिली थी. लेकिन धीमें वैक्सिनेशन प्रक्रिया, विशेष रूप से डेल्टा वैरियंट ने इसे एक और प्रकोप की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है. डेल्टा वैरियंट ने ही पड़ोसी देश ऑस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से में लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर कर दिया था.
यह मामला तब सामने आया है जब एक दिन बाद रिजर्व बैंक द्वारा आधिकारिक नकद दर की समीक्षा होनी है.
लॉकडाउन की खबर आने से पहले, अधिकांश अर्थशास्त्री सुधरती हुई अर्थव्यवस्था में एक चौथाई प्रतिशत की वृद्धि की भविष्यवाणी कर रहे थे.
ऑस्ट्रेलिया में देश के 26 मिलियन आबादी में से आधे से अधिक लोगों पर लॉकडाउन लगाने के बावजूद कोरोना का प्रकोप लगातार फैल रहा है. न्यू साउथ वेल्स राज्य में मंगलवार को 452 नए मामले दर्ज किए जबकि एक दिन पहले ही रिकॉर्ड 478 केस दर्ज किए गए थे. जिसमें से एक बड़ा हिस्सा डेल्टा वैरियंट से प्रभावित पाया गया था. ऑस्ट्रेलिया का सबसे अधिक आबादी वाला शहर सात सप्ताह से अधिक समय से लॉकडाउन में है, और कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने न्यू साउथ वेल्स सरकार की आलोचना की है कि कम्युनिटी में जब वायरस फैल चुका था तब्य लॉकडाउन लगाया गया.
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