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अमेरिका (United States Of America) में रोजगार-आधारित ग्रीन कार्ड बैकलॉग में लाखों लोग सालों से फंसे हैं, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं. नया हाउस बिल कानून में पारित हो जाने के बाद पूरक शुल्क का भुगतान करके अमेरिका में लीगल तरीके से स्थायी निवास की उम्मीद की जा सकती है.
इस कदम को, अगरक Reconciliation Package में शामिल किया गया और कानून में पारित किया गया, तो उन हजारों भारतीय आईटी पेशेवरों को सहूलियत मिलने की उम्मीद है जो वर्तमान में ग्रीन कार्ड बैकलॉग में फंसे हुए हैं.
यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ज्यूडिशियरी कमेटी द्वारा जारी कमेटी प्रिंट के मुताबिक, एक रोजगार-आधारित अप्रवासी आवेदक जिसकी प्रथमिकता तिथि जो 2 वर्ष से अधिक है वह पांच हजार अमेरिकी डॉलर का भुगतान करके संख्यात्मक सीमा के बिना स्थायी निवास में समायोजित हो सकता है.
फोर्ब्स मैग्जीन के मुताबिक EB-5 श्रेणी (आप्रवासी निवेशक) के लिए 5 हजार डॉलर शुल्क है, यह प्रावधान 2031 में समाप्त हो रहा है.
एक परिवार-आधारित अप्रवासी के लिए जो एक अमेरिकी नागरिक द्वारा प्रायोजित है और जिसकी Priority Date जो 2 वर्ष से अधिक है, उसके लिए ग्रीन कार्ड प्राप्त करने 2500 अमरीकी डालर शुल्क होगा.
समिति के प्रिंट के मुताबिक, अगक आवेदक की Priority Date दो साल के भीतर नहीं है, लेकिन वो देश में रहना चाहते हैं, तो पूरक शुल्क 1,500 अमरीकी डॉलर होगा. यह शुल्क आवेदक द्वारा भुगतान किए गए किसी भी Administrative Processing Fee के अतिरिक्त होगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कानून बनने से पहले, प्रावधानों को न्यायपालिका समिति, प्रतिनिधि सभा और सीनेट को पारित करना होगा और राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर किए जाने चाहिए.
CBSNews की एक रिपोर्ट के अनुसार, यदि यह सफल होता है, तो Legalisation Plan बिना डॉक्यूमेंट वाले अप्रवासियों को अमेरिका में बच्चों के रूप में आने, अस्थायी संरक्षित स्थिति Temporary Protected Status (TPS) लाभार्थियों, फार्मवर्कर्स और अन्य Pandemic-Era के आवश्यक श्रमिकों को स्थायी अमेरिकी निवास या ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी.
एच-1बी वीजा का Temporary Nature लाभार्थियों को अनिश्चितता की निरंतर स्थिति में रहने के लिए मजबूर करती है, उन्हें एंटरप्रेन्योर बनने, घर खरीदने, अधिक अमेरिकियों को रोजगार देने या पूरी तरह से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के भीतर स्थायी रूप में स्थापित होने से रोकती है.
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