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तीन वैज्ञानिकों को मेडिसिन का नॉबेल, बाइलॉजिकल क्लॉक पर रिसर्च

वैज्ञानिक जेफ्री सी. हॉल, माइकल रोसबाश और माइकल वी. यंग को ये अवॉर्ड दिया जाएगा.

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तीन वैज्ञानिकों को मिला मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार
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तीन वैज्ञानिकों को मिला मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार
(फोटो: ट्विटर\@NobelPrize)

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तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को फिजियोलोजी या मेडिसिन के क्षेत्र में 2017 का नोबेल पुरस्कार दिया गया है. इन लोगों को बायोलॉजिकल साइकल पर नियंत्रण के लिए एटॉमिक सिस्टम की खोज के लिए ये अवॉर्ड दिया गया है. अवॉर्ड कमेटी ने सोमवार को एक बयान में यह जानकारी दी.

वैज्ञानिक जेफ्री सी. हॉल, माइकल रोसबाश और माइकल वी. यंग को ह्यूमन बॉयलोजिकल क्लॉक (मानव जैव घड़ी) और इसके इंटरनल वर्क पर काम करने के लिए ये अवॉर्ड दिया जाएगा.

हेल का जन्म न्यूयार्क और रोसबाश का कंशास सिटी में हुआ और दोनों ने ब्राडियास विश्वविद्यालय में एकसाथ काम किया. वहीं मियामी में जन्मे माइकल यंग ने रॉकफेलर विश्वविद्यालय में काम किया है.

इस खोज से क्या मिला?

इन वैज्ञानिकों की खोज से इस बात का खुलासा हुआ है कि जीन प्रोटीन को एनकोड करती है जो रात में कोशिका (Cell) में इकट्ठा होता है और दिन के दौरान इसका क्षरण या इस्तेमाल हो जाता है, नोबेल समिति ने कारोलिंस्का इंस्ट्टियूटेट में एक बयान जारी कर कहा,

“उनके खोज बताते हैं कि कैसे पौधे, जानवर और इंसान अपना जैविक लय (Biological Rhythm) अनुकूल बनाते हैं ताकि ये धरती के बदलाव के साथ सामंजस्य बैठा सके. “

बयान के मुताबिक, फल मक्खियों को मॉडल जीव के रूप में इस्तेमाल करते हुए, वैज्ञानिकों ने एक जीन की खोज की है जो हर दिन के सामान्य बायोलॉजिकल साइकल को नियंत्रित करता है.

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खोज से क्या होगा फायदा?

बयान के मुताबिक, इस खोज के बाद हमें सोने के पैटर्न, खाने के व्यवहार. हार्मोन फ्लो, ब्लड प्रेशर और बॉडी के तापमान को कंट्रोल में मदद मिलेगी. हमारी जीवनशैली और बाहरी पर्यावरण की वजह से इस बायोलॉजिकल साइकल में असमान्य बदलाव से कई लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

यहां तक कि इस वजह से कई टाइम जोन में यात्रा करने वाले यात्रियों को भी जेट लैग यानी अस्थायी भटकाव का सामना करना पड़ता है.

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Published: 02 Oct 2017,08:06 PM IST

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