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NSG में एंट्री पर भारत की राह हुई मुश्किल, चीन ने फिर जताया विरोध

चीन का कहना है कि एनएसजी में नए हालातों के चलते किसी भी नए सदस्य का आना ठीक नहीं होगा

द क्विंट
दुनिया
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: PTI)
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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो: PTI)
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चीन ने एक बार फिर न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) में भारत की एंट्री पर विरोध किया है. चीन ने सोमवार को कहा कि एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी अब पहले से और ज्यादा मुश्किल हो गई है.

चीन का कहना है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर न करने वाले सभी देशों के लिए एक जैसे नियम लागू होने चाहिए.

बता दें, चीन 48 देशों वाले एनएसजी समूह में भारत की सदस्यता को हमेशा से ही रोकता आया है. ज्यादातर देशों का समर्थन होने के बावजूद चीन भारत की एंट्री पर रोक लगाता आया है.

आमतौर पर एनएसजी में नए देशों की एंट्री पर आम सहमति की प्रक्रिया अपनाई जाती है.

चीन के सहायक विदेश मंत्री ली हुइलेई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा,

एनएसजी की बात की जाए तो ये नए हालातों का एक नया मुद्दा है और ये पहले की तुलना में कहीं ज्यादा मुश्किल है.

हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि ये नए हालात और मुश्किलें क्या हैं?

जर्मनी का मिला समर्थन

मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी जर्मनी की यात्रा पर थे. इस दौरान भारत-जर्मनी के बीच 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और जर्मनी ने इस बात को साफ किया कि वो एनएसजी में भारत की एंट्री का समर्थन करता है.

ये भी पढ़ें- मिशन यूरोप: PM मोदी स्पेन रवाना, भारत को NSG पर जर्मनी का समर्थन

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