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पाकिस्तान (Pakistan) में ईशनिंदा (Blasphemy) के आरोपों को लेकर गुस्साई भीड़ ने बुधवार, 16 अगस्त को फैसलाबाद की जरनवाला तहसील में कई चर्चों में तोड़फोड़ और आगजनी की.
पाकिस्तानी न्यूज एजेंसी Dawn में छपी खबर के मुताबिक एक ईसाई नेता अकमल भट्टी ने कहा कि, "भीड़ ने कम से कम पांच चर्चों को आग लगा दी और कुछ उन घरों से कीमती सामान लूट लिया. इन घरों को मौलवियों द्वारा भीड़ को उकसाने के लिए मस्जिदों में घोषणा करने के बाद उनके मालिकों ने छोड़ दिया था."
सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों में चर्च की इमारतों से धुआं उठता दिख रहा है और लोग वहां फर्नीचर में आग लगा रहे हैं.
जरनवाला के पादरी इमरान भट्टी ने Dawn को बताया कि भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी एक ईसाई सफाईकर्मी का घर ध्वस्त कर दिया.
अधिकारियों ने कहा है कि शांति समितियों के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं और पूरे प्रांत में पुलिस को सक्रिय कर दिया गया है.
वहीं दूसरी ओर ईसाई नेताओं का आरोप है कि पुलिस मूकदर्शक बनी रही.
पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने कहा कि वह आज के हमले के बारे में सुनकर भयभीत हैं, उन्होंने कहा कि पूजा स्थलों की पवित्रता का उल्लंघन करना "बिल्कुल अस्वीकार्य" है.
उन्होंने कहा है कि, "प्रशासन को ईसाई समुदाय और उनके चर्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए."
इससे पहले चर्च ऑफ पाकिस्तान के अध्यक्ष बिशप आजाद मार्शल ने ट्वीट किया था कि बाइबिल का अपमान किया गया है, ईसाइयों पर "पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप लगाया गया है" और उन्हें प्रताड़ित किया गया है.
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के केच जिले में ईशनिंदा के आरोप में एक शिक्षक की अज्ञात हथियारबंद लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इस साल फरवरी में इसी तरह की एक घटना में, ननकाना साहिब में ईशनिंदा के आरोप में एक व्यक्ति की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी. उस पर "पवित्र कुरान का अपमान" करने का आरोप लगाया गया था.
(इनपुट्स - डॉन.कॉम)
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