advertisement
कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी है. इस बार उसे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में झटका लगा है. दरअसल पाकिस्तान जेनेवा में 42वें UNHRC सत्र के दौरान कश्मीर पर प्रस्ताव लाने में नाकाम रहा है क्योंकि इसके लिए उसे डेडलाइन खत्म होने तक जरूरी समर्थन नहीं मिला. बता दें कि प्रस्ताव लाने के लिए डेडलाइन 19 सितंबर को दोपहर 1 बजे (स्थानीय समय) तक थी.
इस मामले को भारत की एक और कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि वो अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच यह साफ करने में सफल रहा है कि कश्मीर पर फैसला लेना उसका आंतरिक मामला है. बता दें कि UNHRC में भारत ने अजय बिसारिया के नेतृत्व में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजा. बिसारिया पाकिस्तान में भारत के राजदूत रह चुके हैं.
विदेश मंत्रालय के पूर्वी मामलों की सचिव विजय ठाकुर सिंह ने पाकिस्तान की ओर स्पष्ट संकेत करते हुए कहा था कि मानवाधिकारों के बहाने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडे के लिए UNHRC का दुरुपयोग करने वालों की निंदा किए जाने की जरूरत है. उन्होंने पाकिस्तान के आरोपों पर कहा था, ‘‘जब वास्तव में वे खुद षड्यंत्रकारी होते हैं तो वे खुद को पीड़ित बताने लगते हैं.’’
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)