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पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 26 सितंबर को विदेश मंत्रियों की दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) परिषद बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर के उद्घाटन संबोधन का बहिष्कार कर दिया. कुरैशी ने कहा है कि उनका देश भारत के साथ तब तक कोई संपर्क नहीं करेगा जब तक कि वो कश्मीर में ‘‘पाबंदी’’ खत्म नहीं करता.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्रमहासभा के इतर हुई इस बैठक में कुरैशी जयशंकर के संबोधन के बाद पहुंचे. बैठक के लिए देर से आने के बारे में पूछे जाने पर कुरैशी ने कहा कि वह कश्मीर पर विरोध स्वरूप भारतीय मंत्री के साथ नहीं बैठना चाहते हैं.
जयशंकर से जब उनके संबोधन के दौरान उनके पाकिस्तानी समकक्ष की अनुपस्थिति पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा ‘‘नहीं’’.
भारत के इस फैसले पर पाकिस्तान की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई. पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को सीमित कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया.
पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को बड़ा बनाने की कोशिश कर रहा है. मगर भारत ने दो टूक कहा है कि आर्टिकल 370 के प्रावधान समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है.
पिछले साल तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज SAARC के मंत्रियों की परिषद की बैठक में अपने संबोधन के बाद वहां से निकल गई थीं. उस समय जम्मू-कश्मीर में तीन पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या और कश्मीर में मारे गए एक आतंकवादी का महिमामंडन करते हुए पाकिस्तान द्वारा डाक टिकट जारी करने के बाद दोनों देशों में तनाव था.
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