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पाकिस्तान चुनाव में महिला उम्मीदवारों की बढ़ी संख्या ने चुनावी माहौल को रोचक बना दिया है. पाकिस्तानी आम चुनाव के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब महिला उम्मीदवार बड़ी तादाद में उतरी हैं. महिला उम्मीदवारों की भागीदारी की एक वजह ये भी है कि इस बार बड़े नेता चुनाव से बाहर हैं.
भ्रष्टाचार में आरोपों के चलते पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के चुनाव लड़ने पर रोक लग गई है. सुप्रीम कोर्ट ने उनके आजीवन चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी गई. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके परवेज मुशर्रफ जैसे नेता भी इस बार के आम चुनाव से नदारद हैं.
पाकिस्तानी की सियासत कभी पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की तूती बोलती थी. कभी मुल्क की राजनीति उनकी मुठ्ठी में होती थी. लेकिन साल 2007 में बेनजीर भुट्टो की रावलपिंडी में एक चुनावी सभा में हत्या हो जाने के बाद वहां की राजनीति में महिला सियासत में खालीपन आ गया था. लेकिन लगता है इस बार हालात बदलेंगे. यहां हम आपको कुछ खास महिलाओं के बारे में बता रहे हैं.
पाकिस्तान के आम चुनाव में बॉलीवुड एक्टर शाहरुख की चचेरी बहन नूरजहां भी चुनावी अखाड़े में हैं. नूर खैबर पख्तूनख्वा की असेंबली सीट पीके-77 से निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं.
हमीदा रशीद एक ऐसी सीट से चुनाव लड़ रही हैं जहां कभी महिलाओं को मतदान करने की भी इजाजत नहीं थी. रशीद पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं.
महिलाओं को टिकट देने में सबसे आगे पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी है, जिन्होंने सबसे ज्यादा उन्नीस महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया है. इनमें ग्यारह पंजाब से पांच सिंध से और खैबर पख्तूनख्वा से तीन महिलाओं को प्रत्याशी बनाया है.
सुनीता परमान पाकिस्तान में एक आम सीट से चुनाव लड़ने वाली पहली हिंदू महिला हैं. वह एक सोशल वर्कर हैं. एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उत्तरी वजीरिस्तान से चुनाव लड़ रही हैं.
डॉ नफीसा शाह साल 2008 से नेशनल असेंबली ऑफ पाकिस्तान की मेंबर हैं. और सिंध के पूर्व मुख्यमंत्री सैयद अली शाह की बेटी हैं. पीपीपी की तरफ से डॉ नफीसा शाह इस बार भी चुनाव में खड़ी हो रही हैं और जोर शोर से चुनाव प्रचार में लगी हैं.
जरताज गुल वजीर को इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ से टिकट दिया गया है. वजीर नेशनल असेंबली सीट 191 से चुनावी मैदान में हैं.
आसिया नसीर क्रिश्चियन कम्यूनिटी से ताल्लुक रखती हैं और बलूचिस्तान प्रांत से आती हैं. नसीर 2002 से रिजर्व सीट से संसद के निचले सदन की सदस्य हैं. नसीर जेयूआई-एफ से जुड़ी हैं. ये मुस्लिम धर्मगुरुओं की दक्षिणपंथी पार्टी है. सांसद के तौर पर नसीर हमेशा देश में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं.
इस बार आम चुनाव में सभी दलों ने कुल मिलाकर 105 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. जबकि सत्तर महिला प्रत्याशी बतौर निर्दलीय चुनावी मैदान अखाड़े में हैं.
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