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पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत के ननकाना साहिब (Nankana Sahib) में एक वीभत्स घटना में शनिवार, 11 फरवरी को हिंसक भीड़ ने एक व्यक्ति को ईशनिंदा के आरोप में थाने के बाहर घसीट कर जलाकर मार डाला. जब भीड़ उस व्यक्ति को पीट-पीट कर मार रही थी - जिसे कुरान के कथित अपमान के आरोप में सलाखों के पीछे डाल दिया गया था - थाने के SHO और अन्य पुलिस कर्मी अपनी जान बचाने की कोशिश करते हुए मौके से भाग निकले. Dawn की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब के पुलिस महानिरीक्षक डॉक्टर उस्मान अनवर ने मॉब लिंचिंग को रोकने में विफल रहने पर दो वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में ननकाना साहिब में एक पुलिस स्टेशन के बाहर हिंसक भीड़ दिखाई दे रही है. एक वीडियो में, भीड़ को वारबर्टन पुलिस स्टेशन के गेट को तोड़ते हुए और इसे खोलते हुए देखा जा सकता है, जिसके बाद भीड़ इस स्टेशन के अंदर धावा बोल देती है. एक दूसरे वीडियो में थाने के अंदर मुस्कुराते हुए छोटे बच्चे भी दिखे - जो कथित तौर पर भीड़ का हिस्सा थे. साथ ही टूटे शीशे और उलटे फर्नीचर को बिखरे हुए देखा जा सकता है.
पुलिस के बयान में कहा गया है कि आईजी अनवर ने ननकाना साहिब सर्कल के पुDSP नवाज वारक और वारबर्टन स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) फिरोज भट्टी को सस्पेंड कर दिया है.
घटना पर संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने जांच के आदेश दिए हैं. प्रधान मंत्री कार्यालय से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने कहा है कि “पुलिस ने हिंसक भीड़ को क्यों नहीं रोका? कानून का राज सुनिश्चित किया जाए. किसी को भी कानून को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.“
पकिस्तान की विपक्षी पार्टी पीटीआई के उपाध्यक्ष और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि यह घटना राज्य की मशीनरी के चरमराने को दर्शाती है.
इस बीच, पाकिस्तान उलेमा काउंसिल (पीयूसी) के अध्यक्ष ताहिर महमूद अशरफी ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि जिस तरह भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपी पर हमला किया, वह खेदजनक है.
DAWN की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2022 में, सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) ने एक रिपोर्ट में कहा कि आजादी के बाद से पाकिस्तान में ईशनिंदा के 1,415 आरोपों और मामलों में 89 नागरिक मारे गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 1947 से 2021 तक ईशनिंदा के आरोप में 18 महिलाओं और 71 पुरुषों की हत्या कर दी गई.
अभी फरवरी 2022 में, खानेवाल जिले के एक दूरदराज के गांव में पवित्र कुरान के कथित अपमान को लेकर भीड़ ने एक अधेड़ व्यक्ति को पत्थरों से मार डाला था.
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