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पेगासस (Pegasus) खुलासे के बाद एक बड़ा कदम उठाते हुए फ्रांस की राजधानी पेरिस में 20 जुलाई को अभियोजकों ने कहा कि उन्होंने मोरक्को की खुफिया एजेंसी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. मोरक्को की खुफिया एजेंसी पर आरोप है कि उन्होंने स्पाइवेयर पेगासस की मदद से कई फ्रांसीसी पत्रकारों की जासूसी की है.
इससे पहले, पेगासस खुलासे के बाद 19 जुलाई को फ्रांस के खोजी वेबसाइट 'मीडियापार्ट' ने मोरक्को पर जासूसी का आरोप लगाते हुए एक कानूनी शिकायत दर्ज कराई थी. साथ ही खोजी अखबार 'ले केनार्ड इनचेन' भी इसी तरह का मुकदमा दायर करने वाला है. हालांकि मोरक्को ने ऐसे किसी भी जासूसी के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है.
मीडियापार्ट ने खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि उसके फाउंडर एडवी प्लेनेल और एक अन्य पत्रकार के फोन को मोरक्को खुफिया एजेंसी ने पेगासस स्पाइवेयर की मदद से हैक किया था. इसके अलावा अन्य फ्रांसीसी मीडिया हाउस जैसे 'ले मोन्डे' और 'एजेंसी फ्रांस प्रेस' के भी पत्रकारों का फोन हैक करके जासूसी का आरोप है.
फ्रांस की संस्था 'फॉरबिडन स्टोरीज' और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने मिलकर इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए दुनियाभर की सरकारों द्वारा पत्रकारों ,कानूनविदों, विपक्षी नेताओं और बिजनेसमैनों की जासूसी से जुड़ी जानकारी इकट्ठा किया और उसे दुनिया भर के 17 मीडिया संस्थान के साथ साझा किया. इसे पेगासस प्रोजेक्ट नाम दिया गया.
भारत में अब तक कम से कम 40 पत्रकार, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, रणनीतिकार प्रशांत किशोर, ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग भी संभावित सर्विलांस के टारगेट रहे हैं. यहां तक कि 2 केंद्रीय मंत्री भी लिस्ट में शामिल.
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