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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना एक कल्चरल प्रोग्राम में एक-दूसरे से मुलाकात की और हालचाल पूछा. दोनों नेताओं के बीच 25 दिसंबर, 2015 को लाहौर में हुई मुलाकात के बाद दोनों का पहली बार आमना-सामना हुआ है. उस वक्त पीएम मोदी आश्चर्यजनक तरीके से लाहौर पहुंच गए थे.
मोदी और शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अस्ताना में हैं. इस शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को एससीओ के पूर्ण सदस्य के तौर पर शुक्रवार को शामिल किया जाएगा.
मोदी और शरीफ ने एक-दूसरे का अभिवादन उस समय किया, जब वे अस्ताना ओपरा में स्वागत के लिए लीडर्स लाउंज में थे. इस कार्यक्रम का आयोजन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए नेताओं के स्वागत के लिए किया गया था.
दोनों नेताओं के बीच संक्षिप्त शब्दों का आदान-प्रदान ऐसे समय में हुआ है, जब जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा दो भारतीय सैनिकों का सिर काटने और पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने समेत कई मुद्दों को लेकर भारत और पाकिस्तान के संबंधों में गिरावट आई है. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है. जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर भी तनाव में वृद्धि देखने को मिल रही है.
हालांकि, मोदी की पाकिस्तान यात्रा से बना सकारात्मक माहौल ज्यादा समय तक नहीं टिक सका था, क्योंकि पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों ने पठानकोट में भारतीय वायु सेना के ठिकाने पर दो जनवरी 2016 को हमला कर दिया.
इससे पहले, यह पूछे जाने पर कि क्या मोदी और शरीफ की द्विपक्षीय बैठक होगी तो इस पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा:
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में मोदी, शरीफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल हुए. सांस्कृतिक संध्या में मोदी और शरीफ दूर-दूर बैठे थे.
भारत और पाकिस्तान दोनों को शुक्रवार को एससीओ के पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल किया जाएगा. इससे पहले दिन में स्वागत समारोह के लिए रवाना होने से पहले यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी मोदी के साथ बैठक होगी तो शरीफ सिर्फ मुस्कराए थे.
(इनपुट भाषा से)
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