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रूस में 'सत्ता परिवर्तन की कोई रणनीति नहीं': पुतिन विरोधी बयान के बाद अमेरिका

Russia-Ukraine War: यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्र रूस में शामिल होने के लिए कर सकते हैं जनमत संग्रह- रिपोर्ट

क्विंट हिंदी
दुनिया
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<div class="paragraphs"><p>रूस में सत्ता परिवर्तन के लिए USA के पास नहीं है कोई रणनीति- एंटनी ब्लिंकन</p></div>
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रूस में सत्ता परिवर्तन के लिए USA के पास नहीं है कोई रणनीति- एंटनी ब्लिंकन

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने शनिवार, 26 मार्च को पोलैंड के वारसॉ में अपने भाषण के दौरान अपने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की तीखी निंदा की. बाइडेन ने कहा कि पुतिन एक "कसाई" हैं जो "सत्ता में नहीं रह सकते". इसके बाद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने रविवार, 27 मार्च को स्पष्ट किया कि बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात नहीं की है.

ब्लिंकन ने रविवार को जेरूसलम की यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि

"मुझे लगता है कि राष्ट्रपति, व्हाइट हाउस ने कल रात यह बात कही थी कि राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन या किसी और के खिलाफ युद्ध छेड़ने या आक्रमण करने का अधिकार नहीं दिया जा सकता है... जैसा कि आप जानते हैं, और जैसा कि आपने हमें बार-बार कहते सुना है, हमारे पास रूस में सत्ता परिवर्तन की कोई रणनीति नहीं है - या कहीं और भी"

यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्र रूस में शामिल होने के लिए कर सकते हैं जनमत संग्रह

रिपोर्ट्स के मुताबिक स्थानीय नेता लियोनिद पासेचनिक पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित स्व-घोषित लुहान्स्क पीपुल्स रिपब्लिक रूस में शामिल होने के बाद जल्द ही एक जनमत संग्रह कर सकता है.

उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि आने वाले वक्त में गणतंत्र में एक जनमत संग्रह होगा. लोग अपने अंतिम संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करेंगे और रूसी संघ में शामिल होने पर अपनी राय व्यक्त करेंगे.

रूस ने पिछले महीने लुहान्स्क और डोनेट्स्क स्व-घोषित गणराज्यों को स्वतंत्र के रूप में मान्यता दी थी.

इसके बाद रूस ने यूक्रेन पर लगातार कई हमले किए और देश के कई शहरों में संघर्ष जैसी स्थिति उत्पन्न हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस द्वारा किए गए हमलों की वजह से देश से लाखों नागरिक भाग गए.

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यूक्रेन के खिलाफ रूस के इस रवैये के बाद कई देशों ने पुतिन का विरोध किया. कई पश्चिमी देशों ने रूस को अपनी सेना वापस लेने के लिए मजबूर करने के प्रयास में उस पर बड़े प्रतिबंध लगाए.

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Published: 27 Mar 2022,04:32 PM IST

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