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रूस के विदेश मंत्री बोले-भारत-चीन को नहीं किसी तीसरे पक्ष की जरूरत

लावरोव ने कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि भारत और चीन देशों को अपने मुद्दे सुलझाने के लिए बाहर से मदद की जरूरत है.

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भारत और चीन की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प
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भारत और चीन की सेनाओं के बीच गलवान घाटी में सोमवार रात हुई हिंसक झड़प
(फोटो : द क्विंट ) 

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रूस के विदेश मंत्री सेरजी लावरोव ने 23 जून को RIC (रूस-भारत-चीन) की हुई वर्चुअल बैठक में कहा कि- भारत और चीन देशों को अपने मुद्दों को सुलझाने के लिए बाहरी मदद की जरूरत नहीं है. बता दें कि RIC की बैठक ऐसे वक्त में हुई है जब लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन सीमा पर हिंसक झड़प हो चुकी है और दोनों पार सैनिकों की जान गई है. भारत की तरफ से 20 सैनिक शहीद हुए और 76 जवान घायल हुए. वहीं चीन के भी कई सैनिकों के मारे जाने की खबर है.

लावरोव ने कहा कि ‘मुझे नहीं लगता भारत और चीन देशों को अपने मुद्दे सुलझाने के लिए बाहर से मदद की जरूरत है. जब तक उन दोनों के बीच का मामला है उनको किसी और की मदद की जरूरत नहीं है.’ लावरोव ने बाद ये में ये भी जोड़ा कि ये बात हाल के मुद्दों से जुड़ी है.

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक लावरोव ने कहा- 'नई दिल्ली और बीजिंग ने मुद्दे को शांति से सुलझाने का वादा किया है. उन्होंने डिफेंस स्तर से लेकर विदेश मंत्रियों के स्तर की बातचीत की है. दोनों देशों में से किसी ने भी कूटनीति के बाहर जाकर समाधान का रास्ता तलाशने की कोशिश नहीं की है.'

बताया गया है कि भारत की पहले त्रिकोणीय बैठक में शामिल होने की खास रुचि नहीं थी लेकिन मेजबान रूस के आग्रह पर भारत इसमें शामिल होने पर राजी हो गया.

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सीमा पर हो रहा समझौता

15 जून को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प के बाद भारत और चीन के रिश्ते में जो खटास आई थी वो अब थोड़ी कम होती दिख रही है. सूत्रों के मुताबिक खबर आई थी कि भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की हुई बैठक सकारात्मक रही और दोनों देश सीमा पर तनाव को कम करने के लिए सहमत हुए. ऐसा कहा जा रहा है कि ईस्टर्न लद्दाख में दोनों देश की सेनाएं पीछे हट सकती हैं.

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Published: 23 Jun 2020,06:34 PM IST

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