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सऊदी अरब में शुक्रवार को हर तरफ एक खास तरह की उमंग देखी गई. इस्लाम की जन्मभूमि और इसके सर्वाधिक पवित्र स्थलों (मक्का-मदीना) वाले इस देश की पहचान अभी तक एक रूढ़िवादी राजशाही के रूप में रही है. लेकिन, इसी देश में हो रहे बदलावों के बीच शुक्रवार को खेल के स्टेडियमों में महिलाओं का स्वागत किया गया.
सऊदी अरब की महिलाओं को शुक्रवार को पहली बार स्टेडियम में प्रोफेशनल फुटबॉल मैच देखने की अनुमति मिली है जो इस बात का इशारा कर रही है कि सऊदी अरब की महिलाएं 2018 में वो चीजें करती नजर आएंगी जो उनके लिए कभी ख्वाब भर था.
सऊदी अरब की महिलाओं को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी, शायद उन्हें चुनिंदा खेल खेलने की इजाजत मिले और वाहन चलाती तो वे नजर आएंगी हीं. ये प्रयास 21वीं सदी में सऊदी अरब को वैश्विक नेतृत्व के रूप में उभारने के लिए शहजादा मोहम्मद बिन सलमान के सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों की श्रृंखला का हिस्सा हैं जिसकी एक कड़ी लैंगिक समानता से जाकर जुड़ती है.
सऊदी अरब के लिए साल 2017 परिवर्तनकारी रहा जहां लैंगिक समानता में सुधार, आर्थिक विविधता को बढ़ावा, भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने और देश में आने वालों के लिए अधिक खुला और आकर्षक बनाने के लिए कई तरह की पहल शुरू की गईं.
इसके पीछे दुनिया के सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हैं जिन्होंने 32 साल की उम्र में पिछले जून में क्राउन प्रिंस का पदभार संभाला था. इनकी ये पहल 'नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम 2020' और 'विजन 2030' का हिस्सा हैं जिसकी रूपरेखा उन्होंने पिछले साल खींची थी.
देश की इस पहल का दुनिया ने खुले दिल से स्वागत किया और 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त राष्ट्र महिला अधिकार आयोग में चार साल के लिए चुना गया.
सामाजिक परिवर्तन के अलावा सऊदी अरब के उदारवादी रवैया अपनाने के पीछे ठोस आर्थिक कारण भी है और वो ये है कि कार्यस्थल में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी अर्थव्यवस्था में तेजी लाएगी और भ्रष्टाचार का मुकाबला करेगी. 'नेशनल ट्रांसफॉर्मेशन प्रोग्राम 2020' का मकसद महिलाओं और युवाओं के लिए खेल और मनोरंजन के माध्यम से रोजगार के अधिक अवसर प्रदान कर अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है.
देश को मनोरंजन के स्थान के रूप में और अधिक उदार बनाने के लिए म्यूजिक कन्सर्ट और पिछले साल आयोजित कॉमिक-कॉन इवेंट की अनुमति अर्थव्यवस्था और समाज के सुधार करने के प्रयासों का हिस्सा है जिसे प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस्लाम के 'नरम' चेहरे के तौर पर पेश करना चाहा.
सऊदी अरब में चल रहे राष्ट्रव्यापी भ्रष्टाचार-रोधी कार्यक्रम के तहत पिछले साल नवंबर में 4र मंत्रियों, बड़े उद्यमियों और 11 शहजादों को गिरफ्तार किया गया जिसमें पूर्व शाह अब्दुल्ला के बेटे और अरबपति अल वलीद बिन तलाल भी शामिल थे.
प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, शाह सलमान के चुने गए उत्तराधिकारी हैं और साथ ही आर्थिक मामलों और विकास परिषद के प्रमुख भी हैं.
जून 2017 में क्राउन प्रिंस के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद मोहम्मद बिन सलमान ने कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ अपना इरादा जाहिर किया और आतंकवाद के कथित समर्थन पर कतर को बहिष्कृत करने के फैसले का नेतृत्व किया. अक्टूबर में उन्होंने संदेश दिया कि 'नरम इस्लाम' की ओर वापसी देश के आधुनिकीकरण की उनकी योजनाओं पर फोकस है.
मिस्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद मोहम्मद बिन सलमान ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की घोषणा की. इस हमले में तीन सौ लोग मारे गए थे. 41 सदस्यीय आतंक रोधी इस्लामी सैन्य गठबंधन की रियाद में नवंबर में हुई उद्घाटन बैठक में शहजादे ने कहा, "हम ऐसे तत्वों को इस्लाम की छवि बिगाड़ने की इजाजत नहीं दे सकते."
ये सारी परियोजनाएं प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के राजशाही के चेहरे को मूलभूत रूप से बदल देने के इरादे को पेश कर रही हैं.
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Published: 12 Jan 2018,09:48 PM IST