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पाकिस्तान की एक वीकली मैगजीन 'फ्राइडे टाइम्स' ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. पहले खबर आई थी कि संयुक्त राष्ट्र महासभा से पाकिस्तानी पीएम इमरान खान के लौटते समय उनके विमान में तकनीकी खामियों के चलते वापस लौटाना पड़ा था, लेकिन अब कहा जा रहा है कि इमरान की यूएन में स्पीच से गुस्साए सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने विमान को लौटा लिया था.
सऊदी अरब के प्रिंस यूएन में इमरान के भाषण से इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने खान के विमान को बीच रास्ते से ही लौटने का आदेश दे दिया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शिरकत के लिए अमेरिका की यात्रा के दौरान इमरान पहले सऊदी अरब गए थे. वो सऊदी अरब से कॉमर्शियल फ्लाइट से अमेरिका जा रहे थे. लेकिन, बिन सलमान ने कहा कि ये नहीं हो सकता, इमरान उनके खास मेहमान हैं और वह उनके खास निजी विमान से अमेरिका जाएंगे. इमरान एमबीएस के विमान से अमेरिका गए थे. वापस इसी से लौट रहे थे जब ये बताया गया कि तकनीकी खराबी के कारण उनके विमान को बीच रास्ते से अमेरिका लौटना पड़ा और इमरान फिर कॉमर्शियल फ्लाइट से वापस लौटे थे.
फ्राइडे टाइम्स ने ये कहकर चौंकाया है कि कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं थी, ये एमबीएस की नाराजगी थी जिसकी वजह से इमरान के विमान को लौटना पड़ा.
पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने फ्राइडे टाइम्स की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे सरासर गलत और इसे इमरान की 'सफल यात्रा' को संदेह के घेरे में लाने की कोशिश बताते हुए इस पर गहरा खेद जताया है.
फ्राइडे टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "हर हाल में इमरान खान के प्रशंसक बने रहने वालों ने न्यूयॉर्क से लौटने पर उनका विजेता हीरो जैसा स्वागत किया. यहां तक कि इनकी तरफ से सुझाव यह भी आया कि जिस कॉमर्शियल फ्लाइट से इमरान इस्लामाबाद लौट रहे हैं, उसे इमरान के प्रति सम्मान जताने के लिए एफ-17 थंडर विमानों के घेरे में लाया जाना चाहिए."
फ्राइडे टाइम्स ने लिखा है, "इस यात्रा के कुछ अनचाहे नतीजे भी रहे. सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की कूटनीति के कुछ पहलुओं से इतने अलग हो गए कि उन्होंने अपने निजी विमान को वापस बुलाकर और उसमें से पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को निकलवाकर बजाहिर इमरान को झिड़क दिया. वह (बिन सलमान) इस संभावना से खुश नहीं हो सकते थे कि इस्लामिक ब्लॉक का प्रतिनिधित्व संयुक्त रूप से इमरान खान, (तुर्की के राष्ट्रपति) रेसेप तैयप एर्दोगान और (मलेशिया के प्रधानमंत्री) महाथिर मोहम्मद करें और बिना उनकी (बिन सलमान की) पूर्व सहमति के पाकिस्तान, ईरान से पींगे बढ़ाए."
(इनपुट: IANS)
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