advertisement
ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) से बाहर निकलने के फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताया जा रहा है.
गुरुवार को ब्रिटेन में हुए ऐतिहासिक जनमत संग्रह के नतीजों से ईयू से ब्रिटेन का 43 वर्ष पुराना रिश्ता समाप्त हो गया. इस ब्रेक-अप का ब्रिटेन की इकोनॉमी पर खासा असर देखा गया.
लंदन बेस्ड वरिष्ठ पत्रकार विजय राणा इसे ब्रिटेन के लिए ‘ब्लैक फ्राइडे’ मानते हैं. राणा के मुताबिक, लंदन, जो कि इस वक्त दुनिया का फानेंशियल केपिटल माना जाता है, उसने साझा बाजार का हिस्सा बना रहने के पक्ष में वोट दिया था. जबकि ब्रिटेन का मीड लैंड्स इलाका यूरोपीय संघ में रहने के पूरी तरह खिलाफ था.
राणा बताते हैं कि ब्रिटेन के लिए अपनी अर्थव्यवस्था को संभालना इस वक्त एक बड़ी चुनौती है. लेकिन इससे भी बड़ी चुनौती ब्रिटेन के राजनेताओं के सामने इस वक्त विभाजन की खाई को पाटने की है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)