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स्मोकिंग करने वालों की टेंशन बढने वाली है. एक नए स्टडी में यह खुलासा हुआ है कि स्मोकिंग करने से 7,000 से अधिक जीन स्ट्रक्चर में फेरबदल हो सकती है जो धूम्रपान से संबंधित रोगों को बढ़ा सकती है.
साथ ही स्मोकिंग आपके डीएनए पर एक परमानेंट छाप छोड़ सकता है जो आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है.
यह स्टडी हाॅवर्ड मेडिकल स्कूल में किया गया. 16,000 लोगों से लिए गए ब्लड सैंपल की जांच और 16 स्टडी के बाद रिसर्चर्स का कहना है कि कुछ जेनेटिक बदलाव धूम्रपान छोड़ने के 30 साल बाद तक भी बने रहते हैं.
हालांकि जो लोग स्मोकिंग छोड़ देते हैं उनके डीएनए को हुए नुकसान की रिकवरी कभी-कभी 5 साल के भीतर भी हो जाती है.
इस स्टडी की आॅथर डॉ स्टेफनी लंदन का कहना है कि- हालांकि धूम्रपान के बुरे नतीजे लंबे समय तक अपना असर दिखाते हैं. फिर भी अच्छी खबर यह है कि जितनी जल्दी आप धूम्रपान बंद करेंगे उतना बेहतर होगा आपके लिए.
कैंसर, हार्ट प्राॅब्लम और स्ट्रोक सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं के लिए स्मोकिंग को जिम्मेदार माना जाता है. सिगरेट पीने से दुनिया भर में हर साल लगभग 6 लाख लोगों की मौत हो जाती है. यह दुनिया में हो रही मौतों का एक प्रमुख कारण है.
धूम्रपान छोड़ने के दशकों बाद इसकी आदत से लंबे समय तक खतरनाक बीमारियों की संभावना बनी रहती है. स्मोकिंग से हुआ डीएनए मिथाइलेशन इसकी एक बड़ी वजह है जिसमें जीन अपना कोड तो नहीं बदलता पर उनका एक्सप्रेशन बदल जाता है.
स्टडी से पता चलता है कि धूम्रपान आपके जीन पर एक खतरनाक और व्यापक असर डालता है. कुछ तो ठीक हो जाते हैं जबकि कुछ पूरी तरह से ठीक नहीं होते. स्मोकिंग से होने वाले जेनेटिक बदलाव में भी सुधार की कम गुंजाइश होती है.
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