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9 सालों तक दक्षिण अफ्रीका के सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति जैकब जुमा ने चुनाव से एक साल पहले ही बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद सिरिल रमाफोसा को राष्ट्रपति के लिए चुना गया है. रमाफोसा दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति हैं.
राष्ट्रपति जैकब पर अपने पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचारियों का साथ देने का आरोप था. दरअसल सत्ताधारी अफ्रीकन नैशनल कांग्रेस पार्टी (एएनसी) ने जैकब को पद से इस्तीफा देने को कहा था. लेकिन जैकब ने पार्टी की बात मानने से इनकार कर दिया था.
जिसके बाद पार्टी ने खुले शब्दों में खा कि अगर जैकब इस्तीफा नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा और राष्ट्रपति पद से उन्हें हटा दिया जाएगा.
जैकब जुमा ने अपने इस्तीफे का ऐलान टीवी पर किया. अपने विदाई भाषण में उन्होंने कहा,
साल 2009 से सत्ता में रहे जैकब पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. दरअसल 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति मबेकी ने अपनी कुर्सी छोड़ कर जैकब को राष्ट्रपति बनाने से इनकार कर दिया था. क्योंकि जुमा उस वक्त रेप के आरोपों से घिरे हुए थे. लेकिन साल 2008 में मबेकी ने जैकब को देश के अगले राष्ट्रपति के तौर पर समर्थन देकर सबको चौंका दिया था. अपने शुरुआती दौर से लेकर अब तक जैकब भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए रहे.
वहीं दक्षिण अफ्रीका की पुलिस ने राष्ट्रपति जैकब जुमा के करीबी भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. गुप्ता परिवार पर राष्ट्रपति जैकब जुमा के कार्यकाल के दौरान हुए कथित घोटाले में शामिल रहने का आरोप है. यही नहीं जैकब जुमा का बेटा, बेटी और उनकी एक पत्नी गुप्ता बंधु की कंपनी में काम भी करती हैं.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के गुप्ता बंधु अतुल, राजेश और अजय दक्षिण अफ्रीका में श्वेत शासन समाप्त होते ही 1993 में भारत से वहां चले गये थे. गुप्ता परिवार का कंप्यूटिंग, खनन, विमानन, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और मीडिया समेत कई क्षेत्रों में कारोबार है. गुप्ता परिवार पर आरोप है कि किसानों की मदद के लिए बनाया गए एस्टिना डेयरी से इन लोगों ने लाखों डॉलर की कमाई की है. क्योंकि इन्हें राष्ट्रपति जैकब का समर्थन हासिल था.
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