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श्रीलंका चुनाव में राजपक्षे भाईयों की जीत, PM मोदी ने दी बधाई  

राजपक्षे परिवार दो दशकों से श्रीलंका की राजनीति पर हावी है. महिंदा राजपक्षे पहले 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति थे.

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हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात करते महिंदा राजपक्षे
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हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी से मुलाकात करते महिंदा राजपक्षे
(File फोटो: PTI)

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श्रीलंका के संसदीय चुनाव में सत्ताधारी महिंदा राजपक्षे की श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) को बहुमत मिलती दिखाई दे रही है. राजपक्षे भाइयों की पार्टी ने करीब दो तिहाई सीटों पर जीत हासिल की है. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने चुनाव में जीत की घोषणा कर दी है. इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी महिंदा राजपक्षे को फोनकर बधाई दी.

राजपक्षे भाइयों की जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिंदा राजपक्षे को फोन कर जीत की बधाई दी है. महिंदा राजपक्षे ने ट्विटर पर लिखा,

“आपके बधाई फोन के लिए शुक्रिया पीएम नरेंद्र मोदी. श्रीलंका के लोगों के मजबूत समर्थन के साथ, हम दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को और बढ़ाने के लिए आपके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं. श्रीलंका और भारत मित्र और संबंधी हैं.

पीएम मोदी ने रिट्वीट कर फिर दी बधाई

राजपक्षे के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पीएम मोदी ने लिखा कि धन्यवाद महिंदा राजपक्षे.  आपसे बात करके खुशी हुई. एक बार फिर बहुत-बहुत बधाई. हम द्विपक्षीय सहयोग के सभी क्षेत्रों को आगे बढ़ाने और अपने विशेष संबंधों को हमेशा नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए मिलकर काम करेंगे.

करीब-करीब ये तय है कि गोटबाया राजपक्षे के भाई महिंदा राजपक्षे दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे. हालांकि इस चुनाव से पहले साल 2019 के नवंबर से ही महिंदा कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर बने हुए थे.

बता दें कि श्रीलंका में कोरोना महामारी के बीच में बुधवार को वोटिंग हुई थी. श्रीलंका पीपुल्स फ्रंट ने दो-तिहाई “सुपर मेजोरिटी” के साथ सीटें हासिल की हैं. पार्टी ने 225 में से 145 सीटें जीतीं, साथ ही अपने सहयोगियों से पांच और सीटें जीतीं.

राजपक्षे परिवार का दबदबा

बता दें कि राजपक्षे परिवार दो दशकों से श्रीलंका की राजनीति पर हावी है. महिंदा राजपक्षे पहले 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति थे.

इस चुनाव में राणासिंघे प्रेमदासा के पुत्र सजीथ प्रेमदासा ने प्रेमदासा ने अपनी मूल पार्टी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) से अलग होकर नई पार्टी बनायी है. प्रेमदासा की नई पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरकर सामने आई है. पूर्व राष्ट्रपति राणासिंघे प्रेमदासा की साल 1993 में हत्या कर दी गई थी.

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