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श्रीलंका में सियासी संकट गहरा गया है. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने शुक्रवार को 225 सदस्यों की संसद को भंग कर दिया. सिरिसेना की पार्टी पीएम पद के लिए जरूरी समर्थन (113) जुटाने में नाकाम रही, जिसके बाद राष्ट्रपति ने संसद भंग कर दी. अब श्रीलंका में मध्यावधि चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
अब 5 जनवरी को चुनाव होंगे. 19 नवंबर से 26 नवंबर के बीच चुनाव के लिए नामांकन भरा जाएगा.
इससे पहले शुक्रवार को ‘यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस‘ (यूपीएफए) के प्रवक्ता केहेलिया रम्बुकवेला ने राजपक्षे का समर्थन करने वाले सांसदों की कुल संख्या प्रकट किए बिना पत्रकारों से कहा था, ‘‘अभी हमें 105 से 106 सांसदों का समर्थन हासिल है.''
सिरिसेना ने पहले एक जनसभा में दावा किया था कि उन्हें 225 सदस्यीय सदन में 113 सांसदों का समर्थन हासिल है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के कदम के बाद से श्रीलंका में संवैधानिक और राजनीतिक संकट जारी है.
श्रीलंका की संसद का कार्यकाल अगस्त 2020 तक है. लेकिन राजनीतिक संकट की वजह से अब तय समय से दो साल पहले ही चुनाव कराने पड़ेंगे.
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