Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019World Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पढ़ाई के लिए विदेश जाना हो, तो किस देश को दें प्रायोरिटी?

पढ़ाई के लिए विदेश जाना हो, तो किस देश को दें प्रायोरिटी?

पिछले कुछ सालों में कौन-कौन से देश भारतीय छात्रों की प्रायोरिटी लिस्ट में है और क्यों?

प्रसन्न प्रांजल
दुनिया
Published:
(फोटोः istock)
i
null
(फोटोः istock)

advertisement

एडमिशन का सीजन चल रहा है. देश के नामी-गिरामी संस्थानों में सीटें कम हैं और कैंडिडेट ज्यादा. अच्छे पर्सेंटेज हासिल करने के बावजूद कई बार स्टूडेंट का दाखिला मनपसंद इंस्टीट्यूट या कोर्स में नहीं हो पाता है. ऐसे में विदेश की तरफ रुख करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

अगर आप भी विदेश से डिग्री हासिल करने के बारे में प्लान कर रहे हैं, तो ये ट्रेंड जानना आपके लिए बेहतर रहेगा पिछले कुछ सालों में कौन-कौन से देश भारतीय छात्रों की प्रायोरिटी लिस्ट में है और क्यों?

वैसे भी विदेश जाकर पढ़ने का चलन भारत में और पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहा है. हर साल लाखों की तादाद में भारतीय स्टूडेंट डिग्री हासिल करने के लिए विदेशी संस्थानों की तरफ रुख करते हैं.

किन देशों में जाते हैं भारतीय छात्र

सीनियर करियर कंसल्टेंट अशोक सिंह के मुताबिक, भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई करने के लिए उन देशों को चुनना पसंद करते हैं, जहां अंग्रेजी में पढ़ाई होती है. ऐसे में स्टूडेंट की प्रायोरिटी लिस्ट में अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर जैसे देश सबसे ऊपर हैं.

चीन, रूस और जर्मनी जैसे देशों में वहां की लोकल भाषा में पढ़ाई होती है. इस वजह से इंडियन स्टूडेंट ऐसे देशों को लिस्ट में नीचे ही रखते हैं.

विदेश मंत्रालय के एक रिपोर्ट के मुताबिक, 7 अगस्त 2017 तक दुनिया के 86 देशों में कुल 5,53,440 भारतीय छात्र शिक्षा हासिल कर रहे थे. ये आंकड़ा 28 दिसंबर 2017 तक बढ़कर 5,86,183 तक पहुंच गया.
(इंफोग्राफः रोहित मौर्य/क्विंट हिंदी)

अमेरिका में अब भी भारतीयों की पहली पसंद

करियर काउंसलर जुबिन मल्होत्रा के मुताबिक, "कई रिपोर्ट में ये देखा गया है कि पिछले कुछ सालों में अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आई है. बावजूद इसके आज भी भारत के सबसे अधिक छात्र अमेरिका में ही पढ़ाई कर रहे हैं. अमेरिका की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के प्रति भारतीय छात्रों का क्रेज कम नहीं हुआ है, लेकिन फीस अधिक होने के वजह से भारतीय छात्र कुछ और देशों की तरफ रुख कर रहे हैं."

विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त 2017 तक 2 लाख 6 हजार 708 भारतीय छात्र अमेरिकी संस्थानों में डिग्री हासिल कर रहे थे. 

प्रमुख अमेरिकी यूनिवर्सिटी

  • हावर्ड यूनिवर्सिटी
  • कोलंबिया यूनिवर्सिटी
  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
  • मैसाच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी
  • येल यूनिवर्सिटी
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, विदेश पढ़ने जाने वाले स्टूडेंट में 55 प्रतिशत केवल यूएसए और कनाडा जाते हैं.

कनाडा की तरफ छात्रों का बढ़ा रुझान

पिछले कुछ सालों में कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में काफी तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिली है. कनाडा में पिछले साल तक कुल एक लाख भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे थे. दरअसल अमेरिका की तुलना में कनाडा में कोर्स फीस और रहने का खर्च कम है.

पिछले कुछ सालों में कनाडा ने अपनी शिक्षा की गुणवत्ता को काफी बेहतर बनाया है. भारतीय छात्रों को आकर्षित करने के लिए जोर-शोर से कैंपेन भी चल रही है. इस वजह से भारतीय छात्र कनाडा को प्रायोरिटी देने लगे हैं.

कनाडा की प्रमुख यूनिवर्सिटी

  • यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो
  • मैक गिल यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया
  • यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा
  • यूनिवर्सिटी डे मॉन्ट्रियल

टॉप-3 में शुमार हुआ ऑस्ट्रेलिया

कनाडा के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी भारतीय स्टूडेंट के लिए बेहतरीन एजुकेशन हब के रूप में उभर कर सामने आया है. मेलबॉर्न यूनिवर्सिटी और सिडनी यूनिवर्सिटी जैसी ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए काफी भारतीय छात्र हर साल अप्लाई करते हैं.

विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों के लिए टॉप-3 डेस्टिनेशन में अब ऑस्ट्रेलिया ने अपनी जगह पक्की कर ली है. पिछले साल तक यहां पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 63 हजार 283 थी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

प्रमुख ऑस्ट्रेलियन यूनिवर्सिटी

  • ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबोर्न
  • यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड
  • यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स

न्यूजीलैंड से हासिल कर सकते हैं उच्च शिक्षा

हायर एजुकेशन और टेक्निकल डिग्री के लिए न्यूजीलैंड की तरफ रुख करना भारतीय छात्रों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है. यहां की प्रमुख यूनिवर्सिटी अच्छी टेक्निकल एजुकेशन के लिए दुनियाभर में फेमस है. संख्या के लिहाज से भारतीय छात्रों के लिए यह चौथा सबसे पसंदीदा देश है.

न्यूजीलैंड की प्रमुख यूनिवर्सिटी

  • यूनिवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड
  • यूनिवर्सिटी ऑफ ओटैगो
  • मैसी यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ केंटरबरी
  • विक्टोरिया यूनिवर्सिटी ऑफ वेलिंग्टन

कड़े वीजा नियम से घटी यूके जाने वाले छात्रों की संख्या

ब्रिटिश विश्वविद्यालय कुछ साल पहले तक भारतीय छात्रों की टॉप लिस्ट में था. लेकिन पिछले कुछ सालों से इस संख्या में लगातार कमी आ रही है.

ब्रिटिश काउंसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2010 में 68 हजार से ज्यादा भारतीय छात्रों ने ब्रिटेन में एडमिशन के लिए आवेदन किया था, जबकि साल 2015 में यह घटकर 11 हजार 864 रह गया. वहीं साल 2017 तक ब्रिटेन में पढ़ने वाले कुल भारतीय छात्रों की संख्या महज 14,830 थी.

ब्रिटेन सरकार की तरफ से विदेशी छात्रों के लिए वीजा नियम कड़े करने और ‘पोस्ट स्टडी वर्क वीजा’ खत्म किए जाने की वजह से भारतीय छात्रों की संख्या में कमी आ रही है.

ब्रिटेन की टॉप यूनिवर्सिटी

  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज
  • किंग्सटन यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर
  • यूनिवर्सिटी ऑफ बकिंघम
“भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका हमेशा से पहली पसंद है. वहीं पिछले कुछ सालों के ट्रेंड को देखें तो इस बार भी कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड छात्रों की प्रायोरिटी लिस्ट में रहने वाला है.”
जुबिन मल्होत्रा, डायरेक्टर, करियर गाइडेंस

भारतीयों का पंसदीदा कोर्स

सीनियर करियर कंसल्टेंट अशोक सिंह का कहना है कि भारतीय छात्र विदेशी यूनिवर्सिटी से टेक्निकल कोर्स करना ज्यादा पसंद करते हैं. बैचलर लेवल पर जहां टेक्निकल और मेडिकल कोर्स को प्राथमिकता देते हैं, वहीं मास्टर लेवल पर साइंस, एमबीए और रिसर्च से जुड़े कोर्स इनकी प्रायोरिटी लिस्ट में होती है. भारतीय छात्र ह्यूमैनिटीज और कॉमर्स से जुड़े कोर्स विदेशी यूनिवर्सिटी से करना पसंद नहीं करते.

सालाना कितना खर्च?

विदेश में पढ़ाई के लिए जाने से पहले वहां के खर्च के बारे में जान लेना भी जरूरी है. भारत की तुलना में विदेशों में पढ़ाई महंगी पड़ेगी. कोर्स फीस और रहने की बात करें तो अमेरिका और ब्रिटेन सबसे महंगे देशों में शुमार है. इन देशों में सालाना 25 से 50 लाख रुपये तक का खर्च आता है.

कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसे देशों कुछ कम पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. इन देशों में यूनिवर्सिटी फीस और रहने-खाने में औसतन 20 से 25 लाख रुपये तक हर साल खर्च करने पड़ सकते हैं.

बाकी देशों में इससे कुछ कम पैसे में भी आप डिग्री हासिल कर सकते हैं. अधिकांश विदेशी यूनिवर्सिटी भारतीयों छात्रों के लिए कई तरह के स्कॉलरशिप भी देती है. अगर आप ये पाने में सफल हो जाते हैं तो आप कम खर्च में वहां रह सकते हैं. अच्छी यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलने पर आपको बैंक से लोन भी मिल सकता हैं, वहीं विदेश में पढ़ने वाले काफी भारतीय छात्र पार्ट टाइम जॉब का ऑप्शन भी चुनते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT