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अफगानिस्तान में आज शनिवार को हुए दो हमलों में 25 लोगों की मौत हुई है. इससे अफगान सरकार के अगले महीने होने वाली शांति वार्ता में तालिबान को शामिल करने के प्रयासों को धक्का लगा है.
प्रत्यक्षदर्शियों एवं अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती बम हमलावर ने काबुल के मध्य में रक्षा मंत्रालय के पास विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया. धमाके के वक्त दफ्तर बंद थे. इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है.
मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, ‘‘दो अफगान सैनिकों समेत 12 लोगों की मौत हो गयी जबकि आठ अन्य घायल हो गए.”
इससे पहले काबुल के पुलिस प्रमुख अब्दुल रहमान रहीमी ने विस्फोट स्थल पर कहा था कि नौ लोग मारे गए जबकि 13 घायल हो गए. मंत्रालय के प्रवक्ता दालवात वजीरी ने बताया कि हमलावर पैदल चलकर आया था.
प्रत्यक्षदर्शी सरदार मोहम्मद ने कहा, ‘‘मैंने घायल नागरिकों और सैनिकों को देखा. वे मदद की भीख मांग रहे थे. लेकिन, सुरक्षाबलों ने आम लोगों को उनकी मदद नहीं करने दी.”
एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी सलेह मोहम्मद ने कहा, ‘‘हताहत लोगों में ज्यादातर नागरिक थे. हमले के समय लोग अपने घर जा रहे थे.”
विश्लेषक पहले कह चुके हैं कि तालिबान ने पश्चिम समर्थित काबुल की सरकार के साथ शांति प्रक्रिया में बढ़त हासिल करने के लिए राजधानी के मध्य क्षेत्र में हमले तेज कर दिए हैं.
आज ही इससे पहले अशांत प्रांत कुनार के असादाबाद में एक बाजार में आत्मघाती हमले में 13 लोगों की जान चली गयी थी और कम से कम 39 लोग घायल हुए थे. हालांकि, असादाबाद हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. प्रांत के गर्वनर के प्रवक्ता और पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस हमले का निशाना कबायली नेता हाजी खान जान थे जो उग्रवादियों के कट्टर विरोधी है.
वैसे तालिबान अधिक संख्या में हताहत करने वाले हमलों की जिम्मेदारी नहीं लेता और कहता है कि वह अफगान सैनिकों, नाटो सैनिकों को निशाना बनाता है. लेकिन, नागरिकों को उसकी हिंसा की भारी कीमत चुकाना पड़ती है.
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