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अफगानिस्तान के जलालाबाद में रविवार को हुए आत्मघाती हमले में 19 लोगों की मौत हो गई, और करीब 20 लोग घायल बताए जा रहे हैं. ये सभी लोग अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलने गवर्नर हाउस जा रहे थे.
नंगरहार में अस्पताल के प्रवक्ता इनामुल्लाह मियाखाइल ने बताया कि हमले में मारे गये 19 में से 17 लोग सिख और हिंदु समुदाय से थे. घायलों का जलालाबाद के अस्पताल में इलाज चल रहा है.
बताया जा रहा है कि ये हमला गवर्नर के परिसर के कुछ ही सौ मीटर की दूरी पर एक बाजार में हुआ जहां राष्ट्रपति अशरफ गनी बैठक कर रहे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान में हुए आतंकवादी हमले पर दुख जताते हुए कहा,
अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने पुष्टि की कि एक आत्मघाती हमलावर ने हमले को अंजाम दिया.
इस्लामिक स्टेट ने अपनी आधिकारिक न्यूज एजेंसी अमाक के जरिए से एक स्टेटमेंट जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है. इस्लामिक स्टेट ने अपने इस दावे के पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं दिया है.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान एक मुस्लिम राष्ट्र है, लेकिन देश में हिंदुओं और सिखों की एक छोटी संख्या है. अफगानी संसद में सिख और हिंदू समुदाय के लिए एक सीट आरक्षित है. अफगानिस्तान के इस इलाके में हाल के दिनों में कई घातक हमले हुए हैं.
यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया था. राष्ट्रपति गनी ने संघर्ष विराम की समाप्ति के बाद अफगान सुरक्षा बलों को तालिबान के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाने का निर्देश दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हमने में सिख समुदाय के एक नेता अवतार सिंह खालसा की मौत हो गई है. अवतार सिंह अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनाव में खड़े होने वाले थे. खालसा के अलावा सामाजिक कार्यकर्त्ता रवैल सिंह और अनूप सिंह की मौत हो गई है.
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