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TTP यानी तहरीक ए तालिबान के साथ बातचीत करना पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के लिए शर्मन्दगी झेलने वाला कदम साबित हुआ है. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of Pakistan) ने ऐसा करने के लिए पीएम इमरान खान को फटकार लगाई है.
टीटीपी ने 2014 में पाकिस्तान के पेशावर में एक स्कूल में हमला कर करीब 150 मासूम बच्चों को मार दिया था. इमरान खान कोर्ट द्वारा जारी किये गए समन के बाद पेश हुए थे.
टीटीपी पर बैन हटाने के फैसले पर पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने इमरान खान से सवाल करते हुए कहा,
इमरान खान ने पीठ को बताया कि 2014 का हमला बहुत दर्दनाक था और जब हमला हुआ तब उनकी पार्टी खैबर पख्तूनख्वा में सत्ता में थी. उन्होंने कहा "पता करें कि 80,000 लोग क्यों मारे गए. साथ ही, पता करें कि पाकिस्तान में हो रहे 480 ड्रोन हमलों के लिए कौन जिम्मेदार है,"
पीठ में शामिल जस्टिस अमीन ने प्रधानमंत्री इमरान खान के जवाबों को सुनकर कहा, "मिस्टर पीएम हम कोई छोटा राष्ट्र नहीं हैं. हमारे पास विश्व की छठी सबसे बड़ी सेना है."
अटॉर्नी जनरल ने जवाब दिया कि जांच रिपोर्ट में पूर्व सेना प्रमुख और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस के पूर्व महानिदेशक से संबंधित कुछ भी नहीं मिला.
चीफ जस्टिस ने कहा , "देश में इतना बड़ा खुफिया तंत्र है. इस पर अरबों रुपये खर्च किए जाते हैं. एक दावा ये भी है कि, हम दुनिया की सबसे अच्छी खुफिया एजेंसी हैं. इंटेलिजेंस पर इतना खर्च किया जा रहा है लेकिन परिणाम शून्य हैं."
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि, प्रधानमंत्री इमरान ने एक बार फिर अदालत में पेश होकर कानून की सर्वोच्चता का सम्मान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार चार सप्ताह में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी और उच्चतम न्यायालय को सौंपेगी.
पाकिस्तान में शांति के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना का श्रेय देते हुए फवाद चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और सुरक्षा एजेंसियां भी पाकिस्तान की रक्षा के लिए बलिदान देने के लिए सराहना की पात्र हैं.
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