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शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) की विदेश मंत्रियों की बैठक में सुषमा स्वराज ने आतंक पर भारत का स्टैंड एक बार फिर साफ किया. एससीओ की मीटिंग न्यूयॉर्क में हुई.
चीन के प्रभाव वाले एससीओ में विदेश मंत्री स्वराज ने कहा कि ‘आतंक को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.भारत हर तरीके के आतंकवाद का विरोध करता है. आतंकवाद के लिए कोई तर्क नहीं दिया जा सकता.’
सुषमा स्वराज ने एससीओ देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात की. उन्होंने कहा कि ‘एससीओ के सदस्य देशों के बीच कनेक्टिविटी भारत की पहली प्राथमिकता है. भारत , एससीओ के सदस्य के रूप में पूरा सहयोग करेगा और एससीओ को मजबूत व प्रभावी बनाने में मदद करेगा.’
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन, एशिया और यूरोप के 8 देशों का संगठन है. यह राजनीतिक और आर्थिक क्षेत्र में काम करता है. इसकी स्थापना 2001 में चीन ने कजाकिस्तान, किर्गिजस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ मिलकर की थी.
भारत और पाकिस्तान ने 9 जून 2017 को कजाकिस्तान की राजधानी अष्टाना में इसके परमानेंट मेंबर बने. अब इसके सदस्य देशों की संख्या 6 से बढ़कर 8 हो गई है. अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया संगठन के ऑब्जर्वर स्टेट हैं. भारत और पाकिस्तान को 2005 में इसके ऑब्जर्वर स्टेट के रूप में मान्यता मिली थी, जो अब परमानेंट मेंबरशिप में बदल चुकी है.
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