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तालिबान (Taliban) के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि अफगान नागरिकों को अमेरिका से बाहर निकालने की जारी प्रक्रिया के तहत अब देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही उसने चेतावनी दी है कि वाशिंगटन को 31 अगस्त की समय सीमा से पहले सभी सैनिकों और ठेकेदारों को वापस लेना चाहिए. मुजाहिद की टिप्पणी मंगलवार को आई जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जी 7 नेताओं से कहा कि उनका लक्ष्य अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस लेने की अपनी 31 अगस्त की समय सीमा के साथ रहना है, जब तक कि तालिबान चल रहे निकासी कार्यों या हवाई अड्डे की पहुंच को बाधित नहीं करता है.
मुजाहिद ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशी नागरिक हवाईअड्डे की यात्रा जारी रख सकते हैं, लेकिन हाल के दिनों में वहां जमा हुई अफगानों की भारी भीड़ को स्वदेश लौट जाना चाहिए और देश के नए शासकों के प्रतिशोध का सामना नहीं करना पड़ेगा.
प्रवक्ता ने कहा, हम चाहते हैं कि वे (वाशिंगटन) अपने नागरिकों को निकालें, उनके पास विमान हैं और काबुल हवाई अड्डे का नियंत्रण अब उनके पास है, अमेरिका को समय सीमा से पहले अपने सभी सैनिकों, लोगों या ठेकेदारों को वापस लेना चाहिए. पढ़ाई और काम करने के लिए व्यापक रूप से संबंधित महिलाओं के अधिकारों के बारे में, मुजाहिद ने कहा कि तालिबान एक प्रक्रिया पर काम कर रहा है ताकि महिलाएं भविष्य में काम कर सकें.
उन्होंने अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति में सुधार होने से पहले महिला अफगान सरकारी कर्मचारियों से घर पर रहने का भी आग्रह किया.
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान नहीं चाहता कि काबुल में विदेशी दूतावास बंद हों या काम बंद करें, और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा कि तालिबान राजनयिक संबंध बनाए रखने के लिए अमेरिकी दूतावास सहित विभिन्न विदेशी दूतावासों के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहा है.
तालिबान के बयान के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि उन अफगानों को प्रभावित नहीं करना चाहिए, जिन्हें अमेरिका ने देश छोड़ने के लिए प्राथमिकता दी थी.
साकी ने कहा, हमारी अपेक्षा, जो हमने तालिबान को भी बताई है, वह यह है कि वे हवाई अड्डे तक पहुंचने में सक्षम हों.
अमेरिकी सरकार ने कहा कि पिछले नौ दिनों के दौरान लगभग 50,000 विदेशी और अफगान काबुल हवाई अड्डे से देश छोड़ चुके हैं. साथ ही मंगलवार को, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उसुर्ला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि जी 7 के नेता इस बात पर सहमत हैं कि तालिबान के अधिग्रहण के बाद युद्धग्रस्त देश में मौजूदा स्थिति के बीच अफगान लोगों की मदद करना उनका सामूहिक नैतिक कर्तव्य था.
वॉन डेर लेयेन ने जी-7 नेताओं की एक बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम सभी इस बात से सहमत थे कि अफगान लोगों की मदद करना और जितना संभव हो उतना समर्थन देना हमारा नैतिक कर्तव्य है.
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