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अफगानिस्तान में तालिबान का नया फरमान, शिक्षा-नौकरी के बाद ब्यूटी सैलूनों पर बैन

इससे पहले शिक्षा, सार्वजनिक स्थानों और ज्यादातर नौकरियों से महिलाओं प्रतिबंधित किया जा चुका है.

क्विंट हिंदी
दुनिया
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<div class="paragraphs"><p>अफगानिस्तान में तालिबान का नया फरमान, शिक्षा-नौकरी के बाद ब्यूटी सैलूनों पर बैन</p></div>
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अफगानिस्तान में तालिबान का नया फरमान, शिक्षा-नौकरी के बाद ब्यूटी सैलूनों पर बैन

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है. मंगलवार (4 जुलाई) को तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी है. यह अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और स्वतंत्रता पर नया प्रतिबंध है. इससे पहले शिक्षा, सार्वजनिक स्थानों और ज्यादातर नौकरियों से उन्हें प्रतिबंधित किया जा चुका है.

सोशल मीडिया पर जारी किया पत्र

तालिबान के ‘वर्च्यू एंड वाइस मिनिस्ट्री’ के प्रवक्ता मोहम्मद सिद्दीक अकिफ महाजर ने प्रतिबंध के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी. उन्होंने सिर्फ सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे एक पत्र की बातों की पुष्टि की. 

मंत्रालय ने 24 जून को जारी एक पत्र साझा करते हुए कहा कि वह सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के एक मौखिक आदेश से अवगत करा रहे हैं. यह प्रतिबंध राजधानी काबुल और सभी प्रांतों में रहेगा और इसमें देशभर के सैलून को अपना कारोबार बंद करने के लिए एक महीने का नोटिस दिया गया है.

बैन की वजह नहीं गयी बताई

इसके बाद उन्हें बंद कर दिया जाएगा और इस बारे में एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. हालांकि पत्र में प्रतिबंध की वजहें नहीं बतायी गयी हैं.

कब जारी किया गया पत्र?

यह पत्र तब जारी किया गया है, जब इससे पहले अखुंदजादा ने दावा किया था कि उनकी सरकार ने अफगानिस्तान में महिलाओं की जिंदगियों को बेहतर बनाने के लिए जरुरी कदम उठाए हैं.

तालिबान ने 1990 के दशक में सत्ता में अपने पिछले कार्यकाल की तुलना में अधिक उदार शासन के शुरुआती वादों के बावजूद, अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से कठोर कदम उठाए हैं, क्योंकि अमेरिकी और नाटो सेनाएं वहां से हट रही हैं.

उन्होंने महिलाओं को पार्क और जिम जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से रोक दिया है और मीडिया की आजादी पर भी नकेल कसी है. इन कदमों ने अंतरराष्ट्रीय हंगामा खड़ा कर दिया है, जिससे ऐसे समय में देश में अलगाव बढ़ गया है, जब इसकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है और मानवीय संकट और भी बदतर हो गया है.

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