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अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के बढ़ते कब्जे के बीच उत्पीड़न, नागरिकों पर हिंसा और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की खबरें भी आने लगी हैं. वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबानी नियंत्रण वाले शहरों में महिलाओं को संगठन के लोगों से शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है.
तालिबान अब अफगानिस्तान की 13 प्रांतीय राजधानियों का नियंत्रण पा चुका है. 13 अगस्त को लंबी लड़ाई के बाद हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्कर गाह (Lashkar Gah) भी तालिबान कब्जे में चली गई.
इससे पहले तालिबान ने देश के दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर- कंधार (Kandahar) और हेरात (Herat) पर कब्जा कर लिया था. तालिबानी नियंत्रण वाले इलाकों में लोगों ने पकड़े गए सैनिकों को मारे जाने की पुष्टि की है.
तालिबान ने सार्वजानिक रूप से कहा था कि उसके नियंत्रण वाले इलाकों में लोगों को डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन उसकी कार्रवाई से कुछ और ही तस्वीर सामने आ रही है.
काबुल में अमेरिकी दूतावास ने 12 अगस्त को सरेंडर करने वाले अफगान सैनिकों की तालिबान के हाथों हत्या की आलोचना की थी. दूतावास ने ट्विटर पर लिखा, "ये बहुत परेशान करने वाली बात है और ये युद्ध अपराध की श्रेणी में आ सकता है."
अमेरिका का अफगानिस्तान मिशन अगले कुछ हफ्तों में खत्म होने जा रहा है, लेकिन तालिबान के बढ़ते नियंत्रण को देखते हुए राष्ट्रपति जो बाइडेन 3000 अतिरिक्त सैनिक काबुल एयरपोर्ट भेज रहे हैं. ये सैनिक अमेरिकी दूतावास को आंशिक रूप से खाली कराने में मदद करेंगे.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने इंटेलिजेंस का जिक्र करते हुए कहा कि तालिबान अगले 90 दिनों में काबुल पर कब्जा कर सकते हैं. अधिकारी का कहना है कि अगले 30 दिनों में तालिबान काबुल को अलग-थलग कर सकता है.
अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स से कहा काबुल पर नया आकलन तालिबान के बढ़ते क्षेत्रीय कब्जे की वजह से आया है. हालांकि, उनका कहना है कि अगर अफगान सुरक्षा बल प्रतिरोध तेज करते हैं तो इसे रोक सकते हैं.
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