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अमेरिका की वापसी के बाद अब अफगानिस्तान (Afghanistan) में नई सरकार का गठन हो सकता है. तालिबान (Taliban) के 3 सितंबर को नई सरकार का ऐलान करने की संभावना है. तालिबान ने पिछले कुछ दिनों में अपनी नई और उदार छवि पेश करने की कोशिश की है. संगठन ने नया शासन सहिष्णुता और अधिकारों का सम्मान करते हुए चलाने का वादा किया है.
31 अगस्त को अमेरिका के सैन्य मिशन के अंत होने पर तालिबान ने जश्न मनाया. 15 अगस्त को काबुल पर कब्जे के बाद से उम्मीद की जा रही थी कि तालिबान सरकार का गठन करेगा. हालांकि, संगठन ने संयम रखा और अफगान नेताओं से बातचीत की.
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अनामुल्लाह समांगनी ने बताया था कि संगठन के सुप्रीम लीडर हैबतुल्लाह अखुंदजादा अफगान सरकार की भी सुप्रीम अथॉरिटी होंगे.
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर को विदेश मंत्री बनाया जाएगा. मुल्ला बरादर विदेश विभाग के अलावा सरकार के रोजमर्रा के काम भी देख सकते हैं.
न्यूज एजेंसी AFP ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि अफगानिस्तान की नई कैबिनेट 3 सितंबर की सुबह की नमाज के बाद घोषित की जा सकती है. तालिबान अधिकारी अहमदुल्लाह मुत्तकी ने सोशल मीडिया पर बताया कि काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन में एक समारोह की तैयारी चल रही है.
अफगानिस्तान के निजी ब्रॉडकास्टर टोलो न्यूज ने कहा कि सरकार घोषणा जल्द होगी. देश में गवर्निंग काउंसिल का शासन होगा, जिसकी कमान हैबतुल्लाह अखुंदजादा के पास होगी. उनके नीचे एक राष्ट्रपति बनाया जाएगा. ये मॉडल ईरान जैसा ही होगा.
तालिबान के एक प्रवक्ता ने 3 सितंबर को ट्वीट किया कि चीन के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान में अपना दूतावास खुला रखने, और रिश्ते और मानवीय सहायता 'बढ़ाने' का वादा किया है.
वहीं, वेस्टर्न यूनियन और मनीग्राम अपनी पैसे ट्रांसफर करने की सेवाएं अफगानिस्तान में दोबारा चालू कर रहे हैं. कई अफगान विदेश में बैठे अपने रिश्तेदारों से पैसे मंगाने पर निर्भर हैं. कतर ने कहा कि वो काबुल एयरपोर्ट दोबारा खोलने पर काम कर रहा है.
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