advertisement
तालिबान (Taliban) ने शनिवार को भारतीय वायु सेना (IAF) के विमान में सवार होने जा रहे अफगानिस्तान (Afghanistan) संसद के दो अल्पसंख्यक सदस्यों सहित 72 अफगान सिखों और हिंदुओं के एक जत्थे को रोक दिया तथा उन्हें काबुल एयरपोर्ट से वापस भेज दिया.
इंडियन एक्सप्रेस ने वर्ल्ड पंजाबी ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूपीओ) के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी के हवाले से बताया है कि भारत जाने की मांग कर रहा अफगान सिखों और हिंदुओं का यह पहला जत्था शुक्रवार से ही 12 घंटे से अधिक समय से हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहा था.
अफगानिस्तान के नागरिक सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय के सांसद नरिंदर सिंह खालसा और अनारकली कौर मानद भी इसमे शामिल हैं.
वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि काबुल में सभी भारतीय सुरक्षित हैं. उन्हें लंच उपलब्ध करवाया गया है और अब एयरपोर्ट के लिए रवाना किया जा रहा है. लेकिन सरकार की तरफ से इस मामले पर रिपोर्ट लिखे जाने तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार तालिबान के कब्जे के बाद से, 280 अफगान सिखों और 30-40 हिंदुओं के एक समूह ने काबुल के करता परवन गुरुद्वारे में शरण ली है.उन्होंने तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ भी दो बैठकें कीं. तालिबान ने उन्हें 'शांति और सुरक्षा' का आश्वासन दिया है और कहा कि उन्हें देश छोड़ने की जरूरत नहीं है
गौरतलब है कि 2020 में काबुल गुरुद्वारा हमले के समय, अफगानिस्तान में 700 से कम सिख और हिंदू थे. हमले के बाद उनमें से कम से कम 400 भारत में चले आये हैं. कभी अफगानिस्तान में एक लाख से अधिक सिख और हिंदू थे लेकिन 1992 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद इन समुदायों के सदस्यों ने अफगानिस्तान छोड़ दिया .
अफगान सिखों और हिंदुओं के एक जत्थे को रोके जाने तथा उन्हें काबुल एयरपोर्ट से वापस भेज दिये जाने के खबर के बाद से ही कई अफगान मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट दी कि काबुल से निकासी की प्रतीक्षा कर रहे लोगों का तालिबान द्वारा अपहरण किया गया है. हालांकि तालिबान ने इसपर सफाई दी है.
तालिबान के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इसका खंडन करते हुए न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने भी अपहरण की खबर को नकारते हुए कहा कि “अफगानिस्तान में गुरुद्वारा परिसर में मौजूद करीब 300 सिख सुरक्षित हैं. उनके साथ अपहरण जैसी कोई घटना नहीं हुई है. ऐसी घटना के संबंध में कोई भी रिपोर्ट झूठी है”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)