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8 जुलाई को शुरू हुए रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मंगलवार को सभी 12 बच्चों और कोच को गुफा से बाहर निकाल लिया गया है. 8 और 9 जुलाई को आठ बच्चों को बचाया गया था. ये सभी 23 जून से गुफा में फंसे थे.
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान एक हादसा भी हुआ था. 6 जुलाई को खबर आई थी कि बच्चों को जरूरी समान पहुंचाने गए पूर्व नेवी सील कमांडो की मौत हो गई.
थाईलैंड में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सिर्फ एक बच्चा और कोच गुफा के अंंदर हैं. बाकी 11 बच्चों को बाहर सुरक्षित निकाला जा चुका है.
बच्चों को गुफा से निकालने की जद्दो जहद मंगलवार को भी जारी है. 10वें बच्चे को निकाल लिया गया है. अब गुफा से कोच और 2 बच्चों को निकाला जाना बाकी है.
इस बीच मिनिस्टर और मिशन के डिप्टी चीफ ने कोच का इंडिया कनेक्शन बताया. उन्होंने कहा, ''कोच पहले बौद्ध भिक्षु थे. उन्होंने अपनी मेडिटेशन की जानकारी से बच्चों का शांत रखा. थाईलैंड ने भगवान बुद्ध के माध्यम से भारत से बौद्ध ज्ञान सीखा है.''
दूसरी तरफ ये बच्चे रूस जाकर वर्ल्ड कप का फाइनल नहीं देख पाएंगे. डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों की हालत अभी ठीक नहीं है और उन्होंने एक हफ्ते तक अस्पताल में रहना होगा.
वहीं, ब्राजील के दिग्गज खिलाड़ी रोनाल्डो, इंग्लैंड के जोन स्टोन्स और अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी ने बच्चों को जल्द ठीक होने की शुभकामनाएं दी हैं.
मंगलवार को गुफा में फंसे 5 लोगों में से 1 को निकाल लिया गया है. बाकी 3 बच्चे और उनके कोच को निकालने के लिए अॉपरेशन जारी है. इससे पहले सोमवार को चार बच्चों को बाहर निकाला गया था.
गुफा में फंसे लोगों निकालने का अभियान जारी है.
अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने ट्वीट किया कि वह एक छोटी पनडुब्बी के साथ थाइलैंड की उस गुफा तक पहुंच गए हैं, जहां फुटबाल टीम के पांच सदस्य अब भी फंसे हुए हैं.
मस्क ने कहा , “गुफा तीन (केव 3) से अभी - अभी लौटा हूं.” इंस्टाग्राम पर उन्होंने बाढ़ ग्रस्त गुफा और बचावकर्मियों का वीडियो पोस्ट किया.
मस्क ने लिखा , “ जरूरत पड़े तो छोटी पनडुब्बी तैयार है. यह रॉकेट के पुर्जों से तैयार की गई है और बच्चों की फुटबॉल टीम के नाम पर इसका नाम वाइल्ड बोर रखा गया है.” केव-3, गुफा के प्रवेश द्वार से दो किलोमीटर दूरी पर स्थित है और थाईलैंड के बचावकर्मियों का संचालन केंद्र है.
फुटबॉल टीम इससे करीब दो किलोमीटर और अंदर ऐसी जगह मौजूद है जहां पहुंचना बेहद मुश्किल है. अब तक ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि थाई बचावकर्मी मस्क के प्रारूप का इस्तेमाल करने का मन बना रहे हैं. सोमवार रात तक कुशल गोताखोरों ने फुटबॉल टीम के आठ लोगों को सुरक्षित निकाल लिया था.
थाईलैंड की बाढ़ ग्रस्त गुफा में बचे चार बच्चों और कोच को बचाने के लिए आज रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जाएगा. चार बच्चों को सोमवार को बाहर निकाल लिया गया था.
गुफा में फुटबॉल टीम के 12 बच्चे और उनके कोच दो हफ्ते से भी ज्यादा वक्त से बाढ़ ग्रस्त गुफा में फंसे हुए थे. इनमें से अब तक आठ बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है.
मंगलवार को भी थाई सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा और बाकी लोगों को निकालने की कोशिश होगी.
थाईलैंड में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में बड़ी कामयाबी मिली है, 4 और बच्चों को बाढ़ के पानी से भरे गुफा से बाहर निकाल लिया गया है. इस तरह कुल 8 बच्चे सुरक्षित बाहर आ गए हैं. अब भी 4 बच्चे और उनके कोच गुफा में फंसे हुए हैं.
थाइलैंड में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में 2 और बच्चों को बाहर निकाल लिया गया है. ऐसे में 12 बच्चों और 1 कोच में से 7 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
थाईलैंड में चल रहे अपने तरह के सबसे खास ऑपरेशन में गुफा में फंसे बच्चों को रेस्क्यू करने का काम जारी है. सोमवार को एक और बच्चे को बाहर निकाल लिया गया है. इस तरह से 12 में से 5 बच्चों को निकाल लिया गया है. कोच और 7 बच्चे बाढ़ग्रस्त थाम लौंग गुफा में अभी फंसे हुए हैं.
इससे पहले रविवार को 4 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था. इसे बाद उन्हें चियांग राई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. रविवार को 4 बच्चों को निकालने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन कुछ घंटों के लिए रोक दिया गया था. खबरों के मुताबिक, 13 इंटरनेशनल और 5 थाई नेवी सील के गोताखोर गुफा में भेजे गए हैं.
बचाव दल में आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप, एशिया के गोताखोर शामिल हैं. बचावकर्ताओं का कहना है कि भारी मानसूनी बारिश से बचाव अभियान में रुकावट आ सकती है. इसमें 2-4 दिन का समय लग सकता है.रविवार को चियांग राइ के गवर्नर नारोंगसाक ओसोथानकोर्न ने कहा, हमने काफी तैयारी की है और आज का दिन अहम है.
थाईलैंड की अंडर 16 फुटबॉल टीम के 11 से 16 साल की उम्र के 12 बच्चे और उनके 25 साल के कोच 23 जून से गुफा में फंसे हुए हैं. बाढ़ग्रस्त इस गुफा में ऑक्सीजन की सप्लाई बहुत कम है. बच्चों तक पहुंचने के लिए गोताखोरों को संकरी सुरंगों को पार करना पड़ रहा है. 'सीएनएन' की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सीजन के एक्स्ट्रा सिलेंडर लगा दिए गए हैं. इस बचाव अभियान से जुड़े स्वयंसेवियों ने इस कोशिश को 'अभी नहीं तो कभी नहीं' का नाम दिया है.
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