शाकाहार अपनाने पर उपन्यास लिखा और जीत लिया बुकर

उपन्यास की ट्रांसलेटर देबोरह स्मिथ ने 2010 में 21 साल की उम्र से कोरियन सीखनी शुरू की

द क्विंट
दुनिया
Updated:
उपन्यास की लेखिका हान कांग (दाएं) और अनुवादक स्मिथ (बाएं) (फोटो: Reuters)
i
उपन्यास की लेखिका हान कांग (दाएं) और अनुवादक स्मिथ (बाएं) (फोटो: Reuters)
null

advertisement

साउथ कोरियन लेखिका हान कांग के उपन्यास ‘द वेजिटेरियन’ को साल 2016 का मैन बुकर प्राइज मिला है. ये उपन्यास एक महिला द्वारा मानवीय निर्ममता को त्‍यागने और मांस का सेवन छोड़ देने पर आधारित है.

कांग ने इस पुरस्कार की दौड़ में जिन लेखकों को पीछे छोडा है, उनमें नोबल पुरस्कार प्राप्त ओरहान पामुक और अंतरराष्ट्रीय बेस्ट सेलर एलेना फेरांटे शामिल हैं.

देखिए इस किताब का एक अंश -

उसके शाकाहारी बनने से पहले मैं हमेशा अपनी पत्नी को बहुत ही साधारण समझता था. सही-सही कहूं, तो मैं जब पहली बार उससे मिला था, तो उसे देखकर मैं जरा भी आकर्षित भी नहीं हुआ. औसत लंबाई, ठीक-ठाक बाल, न लंबे-न छोटे, और पीलिया जैसी त्वचा के साथ चेहरे पर दिखने वाली गालों की हड्डियां. उसके इस डरे हुए और धूमिल से एटीट्यूड ने मुझे उसके बारे में सब बता दिया, जो मुझे जानना चाहिए था. जैसे ही वो पास आई, तो मेरी नजर उसके साधारण काले जूतों पर पड़ी और उसकी चाल भी तो सामान्य-सी थी, न तेज, न धीमी, न लंबे डग भरने वाली और न ही नजाकत वाली...बिलकुल सामान्य सी.

ब्रिटिश महिला ने किया है अनुवाद

बुकर अवॉर्ड के तहत 50 हजार पाउंड जीतने वाली हान कांग इस अवॉर्ड को अपनी ब्रिटिश अनुवादक डेबोरा स्मिथ के साथ साझा करेंगी. इस किताब को पोर्टबेलो बुक्स द्वारा प्रकाशित किया गया है और पांच जजों के एक पैनल ने 155 किताबों में से ‘द वेजिटेरियन’ को सर्वसम्मति के साथ चुना है.

इस पैनल की अध्यक्षता जाने-माने आलोचक और संपादक बॉएड टोंकिंग ने की है. सोल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स में रचनात्मक लेखन पढ़ाने वालीं 45 वर्षीय कांग दक्षिण कोरिया में पहले ही मशहूर हैं और वह यी सांग लिटरेरी प्राइज, टुडेज यंग आर्टिस्ट अवॉर्ड और कोरियन लिटरेचर नोवल अवॉर्ड जीत चुकी हैं.

बस 5 साल पहले सीखी कोरियन और ले लिया बुकर


इस उपन्यास की ट्रांसलेटर देबोरह स्मिथ ने 2010 में 21 साल की उम्र से कोरियन सीखनी शुरू की थी. अब 5 साल के बाद उन्होंने कांग के साथ 50 हजार पाउंड के पुरस्कार में हिस्सेदार हासिल की है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 17 May 2016,12:16 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT