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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सीनेट ने उनके दूसरे इम्पीचमेंट ट्रायल में भी बरी कर दिया है. शनिवार को सीनेट में हुई वोटिंग के नतीजों (57-43) से ट्रंप 6 जनवरी के कैपिटल बिल्डिंग हिंसा मामले में ‘विद्रोह भड़काने’ के लिए दोषी ठहराए जाने से बच गए हैं. हालांकि इस वोटिंग में 7 रिपब्लिकन्स ने ट्रंप के खिलाफ वोट किया.
अगर ट्रंप को दोषी ठहराया जाता तो एक दूसरे वोट से उन्हें भविष्य में फेडरल ऑफिस के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता था. इसके लिए सामान्य बहुमत यानी (51 वोट) ही चाहिए होते.
इम्पीचमेंट ट्रायल को संवैधानिक ठहराने के लिए 56 वोट पड़े थे, जबकि 44 वोट इसके खिलाफ गए. (यहां 6 रिपब्लिकन ट्रंप के खिलाफ गए थे.)
इम्पीचमेंट के तहत, कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा को लेकर ट्रंप पर 'विद्रोह भड़काने' का आरोप लगाया गया था. यह आरोप हिंसा से ठीक पहले ट्रंप की एक रैली में उनके 'भड़काऊ भाषण' के आधार पर लगाया गया था. हालांकि ट्रंप के वकीलों की दलील थी कि ट्रंप ने अपने समर्थकों की रैली के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया था.
कैपिटल बिल्डिंग में ‘ट्रंप समर्थकों’ ने उस वक्त बवाल किया था, जब अमेरिकी संसद के दोनों सदन राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज रिजल्ट्स को सर्टिफाई करने के लिए ज्वाइंट सेशन के तहत मिले थे. यह घटना ऐसे वक्त में हुई थी, जब ट्रंप लगातार राष्ट्रपति चुनाव में धांधली का दावा कर रहे थे.
सीएनएन के मुताबिक, शनिवार को ट्रायल के वक्त हाउस मैनेजर्स ने अचानक अनुरोध किया कि गवाहों को सुना जाए. इसके बाद सीनेट ने वोटिंग के जरिए (55-45) गवाहों को सुनने के लिए अनुमति दे दी. मैनेजर्स ने कहा था कि वह रिपब्लिकन जेमी हरेरा बटलर को सुनना चाहते हैं.
100 सदस्यीय सीनेट में फिलहाल डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी दोनों के 50-50 सांसद हैं. मगर सीनेट पर डेमोक्रेटिक पार्टी का नियंत्रण है, क्योंकि इस पार्टी की नेता कमला हैरिस जो उपराष्ट्रपति भी हैं, वह सीनेट में टाई-ब्रेकिंग वोट डाल सकती हैं.
ट्रायल में ट्रंप को दोषी ठहराने जाने के लिए दो-तिहाई वोट (67 वोट) की जरूरत थी. हालांकि ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए 57 वोट ही पड़े, जबकि ट्रंप के समर्थन में 43 वोट पड़े.
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