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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के साथ-साथ बाकी कई विदेश कार्य वीजा जारी करने पर इस साल के आखिर तक रोक लगाने का ऐलान किया है. यह ऐलान 24 जून से प्रभावी होगा. इस फैसले से भारतीय आईटी पेशेवरों पर बड़ा असर पड़ेगा क्योंकि उनके बीच H-1B वीजा काफी लोकप्रिय माना जाता है.
उन्होंने कहा, “हमारे देश के इमीग्रेशन सिस्टम के प्रशासन में, हमें विदेशी कर्मियों से अमेरिकी श्रम बाजार पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सचेत रहना चाहिए, खासकर उच्च घरेलू बेरोजगारी और श्रम के लिए दबी हुई मांग के मौजूदा असाधारण माहौल को देखते हुए.”
इस फैसले का ऐसे भारतीय आईटी पेशेवरों और अमेरिकी-भारतीय कंपनियों पर प्रभाव पड़ सकता है, जिनको अमेरिकी सरकार ने एक अक्टूबर से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021 के लिए H-1B वीजा जारी कर दिए थे. बताया जा रहा है कि इन सभी को मुद्रांकन के लिए अमेरिकी कूटनीतिक मिशन जाने से पहले कम से कम मौजूदा वर्ष खत्म होने तक इंतजार करना पड़ेगा.
सॉफ्टवेयर उद्योग के संगठन नास्कॉम ने ट्रंप के ऐलान को गलत दिशा में उठाया गया कदम बताया है. नास्कॉम ने एक बयान में कहा है, ‘‘अमेरिका का कुछ गैर-आव्रजकों के प्रवेश पर रोक लगाने और अन्य के लिए नई शर्तें थोपने का ऐलान अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नुकसान दायक है और यह गलत दिशा में उठाया गया कदम है. इस नई घोषणा से नई चुनौतियां खड़ी होंगी और कंपनियों पर विदेशों से ज्यादा काम कराने का दबाव बढ़ेगा क्योंकि वहां स्थानीय स्तर पर इस तरह का कौशल उपलब्ध नहीं है.’’
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